शनि अमावस्या 2025: पितृ दोष से मुक्ति और शनिदेव की कृपा पाने का महासंयोग, इन स्थानों पर जलाएं दीपक

Update: 2025-08-21 16:20 GMT

भीलवाड़ा हलचल , इस वर्ष भाद्रपद माह की अमावस्या 23 अगस्त , शनिवार को मनाई जाएगी।ऐसे लेकर शहर के गांधीनगर  शनिदेव मंदिर के साथ अन्य मंदिरो में तेयारिया की जा रही हे  शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनि अमावस्या का एक दुर्लभ संयोग बना रही है, जिसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को पितरों की शांति और शनि देव की कृपा पाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

शनि अमावस्या 2025 की तिथि और मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 22 अगस्त 2025 को दिन में 11 बजकर 55 मिनट पर होगी और इसका समापन 23 अगस्त 2025 को दिन में 11 बजकर 35 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, अमावस्या 23 अगस्त, शनिवार को ही मनाई जाएगी।

पितृ दोष निवारण के लिए इन जगहों पर जलाएं दीपक

शनि अमावस्या के इस पावन अवसर पर पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिनमें दीपक जलाना प्रमुख है:

पितरों की तस्वीर के समक्ष: इस दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद घर में पितरों की तस्वीर के सामने श्रद्धापूर्वक दीपक प्रज्वलित करें और उन्हें भोग अर्पित करें। परिवार की सुख-शांति और उन्नति के लिए प्रार्थना करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पीपल के पेड़ के नीचे: शास्त्रों के अनुसार, पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। शनि अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और उसकी परिक्रमा करना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। यह उपाय न केवल पितृ दोष से छुटकारा दिलाता है, बल्कि आर्थिक संकटों को भी दूर कर धन-धान्य में वृद्धि करता है।

घर के मुख्य द्वार पर: शनि अमावस्या की शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। इससे परिवार में सुख-शांति और सौहार्द का वातावरण बना रहता है।

शनि मंदिर में: शनिदेव को प्रसन्न करने और शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन किसी शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। यह उपाय जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करता है और शनिदेव की कृपा दृष्टि प्राप्त करने में सहायक होता है।

इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान

शनि अमावस्या के दिन दीपक जलाने के इन उपायों के साथ-साथ कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:

इस दिन किसी से भी वाद-विवाद या कलह करने से बचें।

घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

पितरों के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा-अर्चना करें।

किसी के प्रति मन में द्वेष या बुरे विचार न लाएं।

यथासंभव गरीबों और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।

यह शनि अमावस्या पितरों का आशीर्वाद और शनिदेव की कृपा एक साथ पाने का अनूठा अवसर है। इन सरल उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन से कई कष्टों को दूर कर सकता है।

Similar News