13 महीने का होगा नया साल 2026! ज्येष्ठ माह पड़ेगा दो बार, बनेगा ये दुर्लभ संयोग
अंग्रेजी कैलेंडर में जहां 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत माना जाता है, वहीं हिंदू परंपरा में समय की गणना विक्रम संवत के आधार पर की जाती है. इस दौरान विक्रम संवत का 2082 वर्ष चल रहा है. इस पंचांग के अनुसार नया वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और फाल्गुन मास वर्ष का अंतिम महीना माना जाता है.आने वाला साल 2026 विक्रम संवत पंचांग की दृष्टि से कई मायनों में अलग और महत्वपूर्ण रहने वाला है. दरअसल, इस वर्ष अधिकमास पड़ने वाला है, जो इस बार ज्येष्ठ (जेठ) मास के रूप में आएगा. इसका मतलब है कि साल 2026 में एक की जगह दो-दो ज्येष्ठ महीने रहेंगे- एक सामान्य ज्येष्ठ और एक अधिक ज्येष्ठ. अधिकमास जुड़ने की वजह से इस बार ज्येष्ठ का समय लगभग 58 से 59 दिनों तक रहेगा. अधिकमास को ही मलमास भी कहा जाता है और इसे विशेष धार्मिक कर्मों के लिए पवित्र माना जाता है. यानी, विक्रम संवत पंचांग के मुताबिक 2083 वर्ष में 13 महीने होंगे.
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत 22 मई से 29 जून 2026 तक रहेगी, इसी बीच अधिकमास 17 मई 2026 से शुरू होगा और इसका समापन 15 जून 2026 को होगा. जब पंचांग में किसी एक महीने की अवधि दो बार आती है, तो उस अतिरिक्त महीने को पुरुषोत्तम मास या अधिकमास के नाम से जाना जाता है. अधिकमास मास का अतिरिक्त हिस्सा वो होता है, जो लगभग हर 32 माह, 16 दिन और कुछ घंटों के अंतराल पर उत्पन्न होता है. यही अतिरिक्त समय अधिकमास कहलाता है, जो धार्मिक दृष्टि से खास महत्व रखता है और कई लोग इसे आध्यात्मिक साधना, दान और जप-तप के लिए शुभ मानते हैं.