सही ठंग से पूजा, बरसेगी स्वयं गुरु की कृपा

Update: 2025-07-06 12:20 GMT
सही ठंग से पूजा, बरसेगी स्वयं गुरु की कृपा
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गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व माना जाता है. यह दिन गुरु की महिमा का बखान करने और उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन करने का दिन है. 2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी. यह दिन व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने वेदों का संकलन और महाभारत की रचना की थी. इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से गुरु की कृपा जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकती है. आइए जानें, गुरु पूर्णिमा पर किस प्रकार करें पूजा:-

 

– ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और ध्यान करें

गुरु पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शुद्ध जल से स्नान करें. स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शांत मन से ध्यान करें। अपने गुरु, ईष्ट या भगवान का स्मरण करें. इससे दिन की शुरुआत पॉजिटिव एनर्जी से होती है.

– गुरु के चित्र या चरणों का पूजन करें

यदि आपके गुरु सशरीर उपलब्ध नहीं हैं, तो उनके चित्र, पादुका या चरणों का पूजन करें. उन्हें स्नान कराएं (छवि या प्रतीक रूप में), पुष्प, अक्षत, चंदन, फल, धूप और दीप अर्पित करें. इसके बाद गुरु मंत्र का जाप करें, जैसे –

“गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरः

गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः”

 

– गुरु की सेवा और आशीर्वाद प्राप्त करें

यदि आपके गुरु सशरीर उपस्थित हैं तो उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें. उन्हें वस्त्र, फल, दक्षिणा या कुछ उपयोगी सामग्री भेंट करें. गुरु की सेवा करने से आत्मिक उन्नति होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं.

– व्रत रखें और सत्संग में भाग लें

गुरु पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है. इस दिन अन्न का त्याग करके फलाहार या जल का सेवन किया जाता है. दिनभर भक्ति, ध्यान, जप और सत्संग में समय व्यतीत करें. यह आत्मिक शुद्धि और मन की स्थिरता में सहायक होता है.

– धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें

इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता, रामचरितमानस, वेदों या गुरु वाणी का पाठ करें. विशेषकर महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित ग्रंथों का श्रवण और मनन करें. इससे बुद्धि निर्मल होती है और ज्ञान में वृद्धि होती है.

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