आलिया भट्ट की जेलब्रेक-ड्रामा का पहला वीक रहा डिसअपोइंटिंग बजट से रह गई बेहद पीछे
वासन बाला द्वारा निर्देशित और आलिया भट्ट, वेदांग रैना, मनोज पाहवा और अन्य सितारों से सजी फिल्म जिगरा का बॉक्स ऑफिस पर पहला हफ्ता काफी फीका रहा. पहले वीकेंड में फिल्म सिर्फ ₹16.50 करोड़ कमा सकी. हफ्ते के बाकी दिनों में भी फिल्म दर्शकों से जुड़ने में असफल रही, जिससे साफ है कि जिगरा को वो रिस्पॉन्स नहीं मिला जिसकी उम्मीद थी. पहले सात दिनों में, फिल्म ने भारत में कुल ₹22 करोड़ का कलेक्शन किया. आने वाले हफ्तों में बॉक्स ऑफिस पर कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है, लेकिन इसके बावजूद जिगरा इस मौके का फायदा उठाने में असमर्थ दिख रही है.
हाई -एंड मल्टीप्लेक्स ऑडियंस का भी नहीं मिला साथ
जिगरा से उम्मीद थी कि यह हाई-एंड मल्टीप्लेक्स की ऑडियंस को अपनी तरफ खींचेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस दशहरे में जिगरा सबसे बड़ी हिंदी फिल्म प्रेजेंटेशन थी, फिर भी यह पूरे हफ्ते दूसरी पसंद बनी रही. पहले दिन से लेकर पहले हफ्ते तक दर्शकों ने इसे प्राथमिकता नहीं दी, और आगे भी यही ट्रेंड देखने की संभावना है.
कितनी हुई जिगरा के एक हफ्ते की कमाई ?
फिल्म जिगरा ने अपने पहले हफ्ते में कुल ₹21.95 करोड़ की कमाई की है. पहले दिन ₹4.50 करोड़, दूसरे दिन ₹6.50 करोड़, और तीसरे दिन ₹5.50 करोड़ का कलेक्शन हुआ. इसके बाद चौथे दिन ₹1.65 करोड़, पांचवे दिन ₹1.40 करोड़, छठे दिन ₹1.25 करोड़, और सातवें दिन अनुमानित ₹1.15 करोड़ की कमाई हुई. वही अगर बजट की बात करे तो वो 90-100 करोड़ के बीच है.
इंडिया में डिसअपॉइंट, लेकिन ओवरसीज में ठीक कमाई
भारत में जिगरा का कलेक्शन तो निराशाजनक रहा, लेकिन इंटरनेशनल मार्केट में फिल्म ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया। विदेशों में फिल्म ने पहले हफ्ते में लगभग $1.75 मिलियन की कमाई की है, लेकिन आलिया भट्ट की फिल्म से जितनी उम्मीद थी, यह उससे कम है. अनुमान है कि फिल्म भारत में 30-33 करोड़ की लाइफटाइम कलेक्शन पर ही सिमट सकती है. एक बड़े स्टार और इतनी बड़ी स्केल की फिल्म के लिए यह प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए था.
जिगरा की कहानी
फिल्म जिगरा की कहानी सत्या (आलिया भट्ट) और अंकुर (वेदांग रैना) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दोनों अनाथ हैं. सत्या, जो बड़ी है, अपने भाई के प्रति काफी प्रोटेक्टिव है और उसके लिए माता-पिता की भूमिका निभाती है. वे एक अमीर रिश्तेदार के साथ रहते हैं, लेकिन सत्या को कभी यह एहसास नहीं होता कि वह और उसका भाई इस परिवार का हिस्सा हैं. अंकुर एक प्रोग्रामर है और अपने रिश्तेदार के बेटे कबीर का अच्छा दोस्त है. बिजनेस आइडिया को पिच करने के लिए वे दक्षिण पूर्व एशिया के हंशी दाओ आइलैंड जाते हैं. एक रात, जब अंकुर और कबीर होटल वापस जा रहे होते हैं, तो उन्हें लोकल पुलिस पकड़ लेती है. कबीर के पास ड्रग्स होते हैं, लेकिन उसके शक्तिशाली पिता की वजह से अंकुर को गलत तरीके से फंसा दिया जाता है और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है.