आज भारतीय संगीत जगत की अमर आवाज़, लता मंगेशकर की जयंती है। इस खास मौके पर हम उनके जीवन से जुड़ा एक बेहद रोचक किस्सा साझा कर रहे हैं।
सालों पहले राज कपूर की फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ आई थी, जिसमें जीनत अमान ने रूपा नाम की लड़की का किरदार निभाया था। यह किरदार बोल्ड होने के कारण खूब चर्चा में आया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किरदार के लिए राज कपूर की पहली पसंद स्वर कोकिला लता मंगेशकर थीं?
🎤 लता जी को भी पसंद आई थी कहानी
लता मंगेशकर को फिल्म की कहानी इतनी रोमांचक लगी कि उन्होंने इसे करने में दिलचस्पी दिखाई। लेकिन अचानक उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया।
इसके पीछे की वजह का खुलासा पत्रकार वीर सांघवी ने अपनी किताब में किया है। उन्होंने लिखा कि लता जी को राज कपूर की बात बुरी लगी और इसी वजह से उन्होंने फिल्म से किनारा कर लिया।
😮 राज कपूर की कही एक बात ने बढ़ाया मनमुटाव
कहानी थी कुछ ऐसी कि हीरो हीरोइन की आवाज़ से प्रभावित होता है। लता जी ने राज कपूर से मुलाकात की और वह फिल्म के लिए तैयार हो गईं। लेकिन बातचीत के दौरान राज कपूर ने कुछ ऐसा कहा, जिससे लता जी नाराज़ हो गईं।
वीर सांघवी के मुताबिक, राज कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था:
“आप एक पत्थर ले लीजिए, लेकिन वह तब तक पत्थर ही रहेगा जब तक उस पर कोई धार्मिक निशान न बने। जब बन जाता है तो वह भगवान बन जाता है। इसी तरह, जब आप किसी मधुर आवाज़ को सुनकर दीवाने हो जाते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि आवाज़ एक बदसूरत लड़की की है तो…”
राज कपूर को तुरंत एहसास हो गया कि उन्होंने गलत कहा। उन्होंने इंटरव्यू हटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह घटना लता मंगेशकर तक पहुँच चुकी थी।
