विटामिन डी के सप्लीमेंट्स हो सकते हैं खतरनाक, इस तरह कमी को करें पूरा

By :  vijay
Update: 2025-01-14 21:20 GMT

विटामिन डी इंसान के शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है. मजबूत हड्डियों, मांसपेशियों और समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है. भारत जैसे देश में विटामिन डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत सूरज की रोशनी है. हर दिन 10-20 मिनट तक धूप में रहने से शरीर में विटामिन डी की पूर्ति हो सकती है.

शरीर में हड्डियों को स्वस्थ रखने और कैल्शियम समेत फास्फोरस लेवल को बेहतर बनाए रखने में इसकी अहम भूमिका होती है, लेकिन लोग विटामिन डी को पूरा करने के लिए मार्केट में मिलने वाली सप्लीमेंट का भी इस्तेमाल करते हैं. इसके सेवन से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं.

सप्लीमेंट्स लेने से शरीर के कई अंग हो सकते हैं खराब

शरीर में अधिक विटामिन डी की मात्रा बढ़ने से हाइपरविटामिनोसिस डी जैसी बीमारी भी हो सकती है. जो सेहत के लिए खतरनाक है. विटामिन डी सप्लीमेंट के अधिक सेवन करने से उल्टी-दस्त, कमजोरी, किडनी खराब, हृदय और फेफड़ों में कैल्शियम जमना समेत अधिक यूरिन आने की समस्या बढ़ जाती हैं.

विटामिन डी की खुराक अधिक मात्रा में लेने से पाचन संबंधी परेशानी भी खड़ी हो सकती है. खाली पेट विटामिन डी की दवा या सप्लीमेंट लेने से पाचन संबंधी समस्या बढ़ने का खतरा रहता है. जब भी आप इसकी गोली या सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो डॉक्टर से पहले परामर्श ले लें.

विटामिन डी पूरा करने के लिए आहार में ये चीज करें शामिल

विटामिन डी दो रूपों में उपलब्ध हैं.डी2 (एर्गोकैल्सीफेरोल) और डी3 (कोलेकैल्सीफेरोल). विटामिन डी 3 विटामिन डी के खून लेवल को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए बेहतर माना जाता है. विटामिन डी पूरा करने के लिए अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल करना चाहिए. मछली, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करना चाहिए. यदि आपको बार-बार कमजोरी, हड्डियों में दर्द या थकान महसूस हो रही हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन डी की जांच करानी चाहिए.

विटामिन D की कमी होने की वजह

भारत समेत दुनियाभर में विटामिन D की कमी एक कॉमन समस्या है. इसमें हड्डियों में कैल्शियम और फॉस्फेट की कमी हो जाती है. लिहाजा हड्डियां संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है और बच्चों में रिकेट्स और युवाओं में ऑस्टियोमलेशिया बीमारी हो सकती है. गर्भवती महिला में विटामिन D की कमी से बच्चे पर भी इसका असर पड़ सकता है. विटामिन D की कमी आमतौर पर उन लोगों में होती है जो पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी नहीं लेते हैं. इसे पूरा करने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए. इससे विटामिन D डेफिशिएंसी को रोक सकते हैं.

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