क्या एंटीबायोटिक दवाएं हार्ट के मरीजों के लिए सही हैं, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
शरीर में बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन मरीजों के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है. खासकर हार्ट के मरीजों को एंटीबायोटिक सोच समझकर और डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए. क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं के साइड इफेक्ट भी होते हैं. हार्ट के मरीजों जो पहले से दवा ले रहे हैं उन्हें बिना डॉक्टर से पूछे कोई और एंटीबायोटिक दवा नहीं लेनी चाहिए.
अगर हार्ट के मरीज अपने मन से या मेडिकल शॉप से कोई एंटीबायोटिक दवा लेते हैं तो इसके कई बुरे परिणाम हो सकते हैं. इससे हार्ट के मरीज का पाचन तंत्र और हार्ट से जुड़ी समस्याओं बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है और मरीज की परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एंटीबायोटिक दवाएं हार्ट के मरीजों के लिए सुरक्षित हैं. ऐसे में दिल के मरीजों को डॉक्टर से बात करके ही कोई दवा लेनी चाहिए.
इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट से जानने की कोशिश की. कॉर्डियोलॉजिस्ट … ने बताया कि बिना सोचे समझे या किसी मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. खासकर हार्ट के मरीजों को तो बिलकुल ही ऐसा नहीं करना चाहिए. हार्ट के मरीजों दवाएं उसकी सेहत की स्थिति को ध्यान में रखकर दी जाती है. ऐसे में एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. उसके बाद ही मरीजों को दवा लेनी चाहिए.
किडनी और लिवर को भी प्रभावित करती हैं दवाएं
कुछ एंटीबायोटिक दवाएं, किडनी और लिवर को भी प्रभावित करती हैं और हार्ट मरीजों के लिए मुश्किल का कारण बन सकती हैं. कुछ दवाएं बीपी को बढ़ा सकती हैं, जो पहले से हाई बीपी से पीड़ित हैं उन्हें एंटीबायोटिक बिलकुल नहीं लेनी चाहिए. क्योंकि एंटीबायोटिक दवाएं ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बढ़ाने में मदद करती हैं.
एंटीबायोटिक दवाओं के साइड इफेक्ट
कुछ एंटीबायोटिक दवाएं दिल की धड़कन को बढ़ा देती है. इससे हार्ट खराब होने के चांसेज बढ़ जाते हैं. इसलिए जब भी एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करे तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
एंटीबायोटिक दवाएं कितनी है सही
कुछ एंटीबायोटिक दवाएं हार्ट के मरीजों के लिए सुरक्षित मानी जाती है. जब हार्ट के मरीजों के शरीर में किसी इंफेक्शन का इलाज करना होता है, तो डॉक्टर मरीज के हृदय की स्थिति और दवाओं के साइड इफेक्ट को ध्यान में रखकर दवाएं लिखते हैं, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि मरीज को कौन सी दवा दी जा रही है और उनकी हृदय की स्थिति क्या है. हार्ट के मरीजों को कभी भी खुद से एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं लेनी चाहिए.