हार्ट रेट और पल्स रेट में क्या होता है अंतर, नॉर्मल व्यक्ति का कितना होना चाहिए

By :  vijay
Update: 2025-01-15 20:50 GMT

आमलोग अक्सर हार्ट रेट और पल्स रेट को अमूमन एक ही मान लेते हैं. जोकि गलत है. यह दोनों अलग-अलग काम करता है. हार्ट रेट का मतलब है कि दिल प्रति मिनट कितनी बार धड़कता है. यह दिल के स्वास्थ्य और शरीर की शारीरिक स्थितियों का संकेत देता है. हार्ट रेट मस्तिष्क और शरीर की जरूरतों के आधार पर कम या ज्यादा हो सकता है. हार्ट रेट न केवल हमारे हृदय संबंधी जानकारी देता है बल्कि हमारी जीवनशैली को भी बताता है. वहीं, पल्स रेट धमनियों में ब्लड फ्लो का संकेत देता है. जब दिल ब्लड को पंप करता है. यह धमनियों में एक तरंग पैदा करता है, जिसे पल्स कहा जाता है. हार्ट रेट और पल्स रेट दोनों शरीर की कार्यप्रणाली और हृदय स्वास्थ्य के बारे अहम जानकारी देते रहते हैं.


हार्ट रेट व पल्स रेट में क्या अंतर होता है?

1 मिनट में कितनी बार दिल धड़कता है उसे हार्ट रेट कहते हैं. हार्ट रेट कम या ज्यादा भी हो सकता है. यह व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक कारण पर निर्भर करता है. आराम की स्थिति में हार्ट रेट कम हो रहती है. वहीं, एक्सरसाइज या काम करते समय या डर के माहौल में हार्ट रेट बढ़ने की संभावना हो जाती है. हार्ट रेट एक तरह से हार्ट के स्वास्थ्य होने का संकेत देता है. दिल की धड़कन या हार्ट रेट कम या ज्यादा होना हार्ट से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है.

पल्स रेट

पल्स रेट धमनियों में होने वाले रक्त प्रवाह यानि ब्लड फ्लो का संकेत होता है. पल्स रेट को हार्ट रेट की माप भी कहा जा सकता है. इसके जरिए हार्ट रेट पता लगाने में भी मदद मिलती है. जब आपके हार्ट से ब्लड को धमनियों के माध्यम से शरीर के अलग-अलग अंगों तक भेजा जाता है, तो ब्लड फ्लो के कारण धमनियां फैलती और सिकुड़ती हैं. धमनियों की इसी क्रिया को पल्स रेट कहते हैं. शारीरिक स्थिति, इंजरी और स्थिति के हिसाब से हर व्यक्ति की पल्स रेट कम या ज्यादा होती रहती है.

ये हैं दोनों में बड़ा फर्क

हार्ट रेट

हार्ट रेट 1 मिनट में दिल की धड़कन की गिनती करती है. आराम की स्थिति में हार्ट रेट सामान्यतः कम होता है और शारीरिक गतिविधियों के दौरान बढ़ जाता है.

पल्स रेट

पल्स रेट, आपकी धमनियों में महसूस की जाने वाली धड़कन की दर है, जो यह दर्शाती है कि आपका दिल रक्त को कितनी बार शरीर में पंप कर रहा है. जब दिल सिकुड़ता और फैलता है, तो यह धमनियों में एक लहर या दबाव बनाता है, जिसे पल्स कहा जाता है. इसे कलाई, गर्दन, या अन्य धमनियों पर उंगलियों से महसूस किया जा सकता है.

हार्ट रेट और पल्स रेट की सामान्य रेंज

वयस्कों में: 60-100 BPM (बीट्स प्रति मिनट) महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों से अधिक हार्ट रेट होती है. इसके अलावा पल्स रेट भी 60 से 100 BPM ही होती है. शारीरिक स्थिति, स्वास्थ्य और मानसिक स्थितियों के कारण इसकी रेंज कम या ज्यादा हो सकती है. एथलीट्स में रेस्टिंग हार्ट रेट 60 BPM से कम हो सकती है. बच्चों में 70-120 BPM के बीच हो सकती है.

आयु के अनुसार हार्ट रेट रेंज

आयु वर्ग साल रेस्टिंग हार्ट रेट (BPM)

18-30 80.2 तक

30-50 75.3-78.5

50-70 73.0-73.9

हार्ट रेट दिल की धड़कनों को बताने वाली एक मापक है. वहीं,पल्स रेट धमनियों में ब्लड फ्लो की गति के बारे में जानकारी देती है. दोनों को मॉनिटर करना हृदय स्वास्थ्य और फिटनेस को बनाए रखने के लिए जरूरी है. यदि इनकी दर में कोई फर्क महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित जांच करवाकर आप अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं.

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