शरीर में बनी गांठ कैंसर है या नहीं कैसे करें पता? डॉक्टर से जानें
भारत में कैंसर के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2023 में देश में इस बीमारी के 14 लाख से अधिक नए मामले आए थे. कैंसर के अधिकतर केस आखिरी स्टेज में सामने आते हैं. इसका कारण यह है कि लोगों को बीमारी के लक्षणों का पता नहीं होते हैं. कैंसर के मामलों में शरीर में ट्यूमर ( गांठ) भी बनती है. लेकिन क्या हर गांठ क्या कैंसर की होती है. इसका पता कैसे करें? इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं.
गुरुग्राम में कैंसर विशेषज्ञ डॉ रोहन खंडेलवाल बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में गांठ बन जाती है तो उसे कैंसर का खतरा लगता है. लेकिन हर गांठ कैंसर की नहीं होती है. शरीर में गांठ कई प्रकार की होती हैं. इनमें अधिकतर जीवन के लिए खतरा नहीं होती हैं. किसी संक्रमण या चोट के कारण त्वचा के नीचे फ्लूइड से भरी थैलियां बन सकती हैं. इसको सिस्ट कहते हैं और यह गांठ जैसा दिखता है, लेकिन ये कैंसर वाली नहीं होती हैं. कुछ मरीजों मों बैक्टीरियल संक्रमण के कारण ये सूजन भरी गांठें होती हैं, जो दर्दनाक और लाल हो सकती हैं. लेकिन इनसे घबराना नहीं चाहिए.
हार्मोन में बदलाव से भी बनती हैं गांठ
डॉ खंडेलवाल बताते हैं कि हार्मोन में उतार-चढ़ाव के कारण महिलाओं की छाती में गांठें बन सकती हैं, जो पीरियड्स के दौरान घटती-बढ़ती रहती हैं. इनको फाइब्रोसिस्टिक कहते हैं. ऐसी गांठ कैंसर की नहीं होती हैं और ये समय से साथ खुद ही खत्म हो जाती हैं. लेकिन अगर कोई गांठ तेजी से बढ़ रही है और लंबे समय यानी एक से दो महीने तक बनी हुई है तो जांच कराएं.
डॉ खंडेलवाल बताते हैं कि बिना कैंसर वाली अधिकतर गांठ मुलायम और चिकनी होती हैं, जबकि कैंसर वाली गांठें सख्त और ठोस होती है. अगर गांठ की त्वचा का रंग बदले और उसमें गड्ढे पड़ना या अल्सर जैसा है तो यह कैंसर की गांठ हो सकती है.
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर कोई गांठ बनी रहती है या आकार में बढ़ती है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इस बात का भी ध्यान रखें कि गांठ के साथ अगर अचानक वजन कम होना. लगातार बुखार आना और हमेशा थकान बने रहने की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इस मामले में लापरवाही न करें. यह कैंसर का एक लक्षण हो सकता है.