इस टीके की दो डोज लगवाने से रुकेगा HIV संक्रमण, ट्रायल में दावा

By :  vijay
Update: 2024-12-02 19:14 GMT

वैज्ञानिकों ने एक टीका विकसित किया है. साल में दो बार टीके को लगवाने से एचआईवी के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है. दक्षिण अफ्रीका में लेनाकापावीर नाम के टीके पर हुए क्लीनिकल ट्रायल में यह दावा किया गया है. ट्रायल के परिणाम के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये टीका 100 फीसदी प्रभावी मिला है. यह एचआईवी के इंफेक्शन को खत्म करने में मदद कर सकता है. इस ट्रायल में पांच हजार लोगों को शामिल किया गया था.

टीके को 6 महीने में एक बार और साल में दो बार लगाया गया था. टीके लेने वाले लोगों में एचआईवी का इंफेक्शन नहीं मिला था. हालांकि वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि अभी केवल क्लीनिकल ट्रायल हुआ है, लेकिन इसके नतीजे काफी अच्छे हैं. ऐसे में लेनाकापावीर के इस वैक्सीन को 120 गरीब देशों को कम रेट में उपलब्ध कराया जाएगा. वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि ये टीका अभी तक मौजूद एचआईवी के किसी भी इलाज से ज्यादा बेहतर है.

एचआईवी के इंफेक्शन को रोकने में काफी प्रभावी है ये टीका

ड्यूक यूनिवर्सिटी में ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ क्रिस ने कहा कि एशिया के कई देशों में लेनाकापावीर का यूज पहले से हो रहा है. अमेरिका, कनाडा और यूरोप में यह इंजेक्शन सनलेंका ब्रांड के नाम से बेचा जा रहा है. ये एचआईवी के मरीजों के लिए किसी चमत्कार जैसा है. हालांकि इसके परिणाम दिखने में संक्रमित मरीज को करीब दो साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है. दो साल बाद ही पता चलता है कि एचआईवी का संक्रमण खत्म हुआ है या नहीं.

इस दौरान साल में दो बार ये टीका लेना होता है. केवल दो डोज ही काफी है. डॉ क्रिस ने कहा कि ट्रायल के परिणाम काफी अच्छे आए हैं. इसको देखते हुए अफ्रीका के जिन देशों में एचआईवी के ज्यादा मामले आते हैं वहां इस टीके को कम रेट में उपलब्ध कराया जाएगा.

लगातार कम हो रहे एचआईवी के मामले

दुनिया के कई देशों में एचआईवी इंफेक्शन के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं. एचआईवी वायरस के कारण होने वाली एड्स बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा भी कम हो रहा है. पिछले साल 6, 30, 000 मरीजों की मौत एड्स से हुई थी. यह आंकड़ा साल 2004 के बाद सबसे कम है. नए केस कम होने और मौतों के आंकड़े कम होने को इस बीमारी की रोकथाम के लिए अच्छा माना जा रहा है.

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