पथरी गलाता है पत्थरचट्टा का पत्ता, इस्तेमाल करने का जानें सही तरीका

By :  vijay
Update: 2024-11-21 18:58 GMT

भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति ‘आयुर्वेद’ के खजाने में कई ऐसी अनमोल जड़ी-बूटियां हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं. इन जड़ी-बूटियों की मदद से कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है. ऐसी ही एक चमत्कारी औषधि है पत्थरचट्टा. पत्थरचट्टा एक सदाबहार पौधा है, जिसे गमले में आसानी से उगाया जा सकता है.

पत्थरचट्टा में हैं कई गुण

आम दिखने वाले इस पौधे की पत्तियां गुर्दे की पथरी को टुकड़ों में तोड़ने की ताकत रखती हैं. पत्थरचट्टा में कई गुण हैं. यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है. इससे शरीर की सूजन और दर्द दोनों से राहत मिलती है. इसकी खट्टी और नमकीन पत्तियां आंतों के लिए भी फायदेमंद होती हैं.

पत्थरचट्टा पौधे के हैं कई नाम

पत्थरचट्टा (stone breaker) को कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट, मैजिक लीफ और एयर प्लांट के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, आयुर्वेद में इसे पाषाण भेद, पानपुट्टी और भष्मपत्री नाम दिया गया है. यह पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. यह कई बीमारियों को दूर भगाने में भी सक्षम है.

पथरी गलाता है ये पौधा

जैसा कि इस औषधि के नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पौधे में पथरी को तोड़ने या फोड़ने की ताकत रखता है. ऐसे में यह पथरी को टुकड़ों में तोड़कर शरीर से बाहर निकालने में मददगार है. पथरी के कारण पेट में तेज दर्द होता है. हालांकि, पत्थरचट्टा इससे छुटकारा पाने का रामबाण इलाज है. इसका सेवन करना भी बहुत आसान है.

पत्थरचट्टा का उपयोग पथरी में कैसे करें?

एक गिलास गुनगुना पानी लें और उसके साथ पत्थरचट्टा की 2 से 3 पत्तियां चबाकर खाएं. इसे सुबह खाली पेट खाने से आपको काफी फायदा मिलेगा. आप चाहें तो पत्थरचट्टा की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकाल लें. इसमें एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाएं. इसका नियमित सेवन करें. आप इन गुणकारी पत्तियों का काढ़ा भी बना सकते हैं. इसके लिए पत्थरचट्टा की 15 से 20 पत्तियों को करीब आधा लीटर पानी में उबाल लें. जब पानी आधा रह जाए तो इसका सेवन करें. इस पानी को दिन में दो बार पियें. आप इसमें एक चुटकी नमक भी मिला सकते हैं.

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