भीलवाड़ा में बढ़ता तनाव और मैग्नीशियम की कमी: विशेषज्ञों की चेतावनी

Update: 2025-08-28 08:43 GMT


  आधुनिक जीवन की भागदौड़ में तनाव एक आम समस्या बन चुका है। ग्वालियर में कामकाजी लोग और युवा काम के दबाव, पढ़ाई के तनाव और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि लंबे समय तक तनाव न केवल मानसिक, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है। गैस्ट्रोएंटेरोलाजिस्ट  ने बताया कि तनाव और मैग्नीशियम की कमी एक दुष्चक्र बनाते हैं, जो स्वास्थ्य को और बिगाड़ देता है।

तनाव और मैग्नीशियम की कमी का दुष्चक्र

  शरीर में मैग्नीशियम की कमी तनाव को बढ़ाती है, और लगातार तनाव मैग्नीशियम के स्तर को और कम करता है। इससे न तो शरीर तनाव से उबर पाता है और न ही खनिज की कमी पूरी हो पाती। निजी अस्पतालों के आंकड़े बताते हैं कि हाल के वर्षों में सिरदर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और मांसपेशियों में खिंचाव जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। कई मामलों में जांच से मैग्नीशियम की कमी सामने आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता चलन भी इसकी एक बड़ी वजह है, क्योंकि इनमें मैग्नीशियम की मात्रा नगण्य होती है।

समाधान: सही खानपान और जीवनशैली

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि तनाव और मैग्नीशियम की कमी से निपटने के लिए दैनिक आहार में बदलाव जरूरी है। मैग्नीशियम युक्त भोजन, योग, ध्यान और नियमित व्यायाम से इस दुष्चक्र को तोड़ा जा सकता है। डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि सही खानपान और स्वस्थ जीवनशैली न केवल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी, बल्कि शरीर में मैग्नीशियम का स्तर भी संतुलित रखेगी।

मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ

पत्तेदार हरी सब्जियां: पालक, मेथी, चौलाई

नट्स: बादाम, काजू, ब्राजील नट्स

फल: एवोकाडो, केला, पपीता

लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध, दही

सीड्स: फ्लैक्स सीड, चिया सीड, कद्दू के बीज

साबुत अनाज: ब्राउन राइस, साबुत अनाज से बने ब्रेड और सीरियल्स

डॉक्टरों का कहना है कि तनाव प्रबंधन के लिए केवल खानपान ही काफी नहीं है। नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और ध्यान जैसी प्रथाएं भी जरूरी हैं। ग्वालियर के नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और तनाव को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं

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