विवेक वैश्णव,
अक्सर हम चाहते हैं कि हमारी जिंदगी की सड़क एकदम सीधी और साफ हो और वो भी बिना किसी रुकावट और परेशानी के। लेकिन इस मानवीय स्वार्थ और स्वभाव के विपरीत जाकर जरा सोचिए, अगर सड़क एकदम सीधी होगी तो सफर कितना बोरिंग हो जाएगा? सीधे रास्तों पर चलने के लिए किसी खास कौशल की जरूरत भी नहीं होती है। अगर हर दिन एक जैसा हो तो हम मशीनों की तरह जीने लगेंगे। अगर जिंदगी एक ही ढर्रे पर चलती रहे तो हम ऑटो पायलट मोड में चले जाते हैं। सीधी रेखा का नाम जिन्दगी नही है यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती भी है। सीधी सड़कें अक्सर अच्छे ड्राइवरों को भी सुला देती हैं लेकिन टेढ़े-मेढ़े रास्ते उन्हें जगाए रखते हैं और मंजिल तक सुरक्षित पहुँचाते हैं।
‘‘टर्न’’ (मोड़) हमारी जीवन रूपी यात्रा का सबसे अनिवार्य हिस्सा हैं। मोड़ सिर्फ रास्ता बदलने का नाम नहीं है बल्कि यह बदलाव, चुनौती और नए अवसरों का प्रतीक है। हर मोड़ हमें एक नया सबक सिखाता है। ‘‘टर्न’’ या मोड़ केवल रास्ते नहीं बदलते बल्कि वे हमारी मंजिल और हमारे व्यक्तित्व को भी बदल देते हैं। हमारी पसंद से लिए गए मोड हों या फिर वे अनचाहे हों, लेकिन ये मोड़ ही हमारी जिन्दगी की कहानी को दिलचस्प बनाते है। जिंदगी में आया एक अचानक मोड़ भी हमें उस रास्ते पर डाल देता है जहाँ हमें असल में होना चाहिए था। कभी कभी हम सोचते हैं कि हमें ‘‘ए’’ से ‘‘बी’’ पर जाना है लेकिन इसी बीच में एक अनचाहा मोड़ हमें ‘‘सी’’ पर ले जाता है, जो ‘‘बी’’ से कहीं ज्यादा बेहतर एवं खूबसूरत होता है। कई बार गलत लगने वाले मोड़ भी हमें सही मंजिल तक पहुँचा देते हैं।
सड़क पर टर्न हमें संभलने एवं अपनी रफ्तार को धीमी करने के संकेत देते है। ठीक ऐसे ही जिंदगी भी कभी कभी हमें धीमे होने का संकेत देती है। जिन्दगी की भागमभाग में हम अपने, अपने परिवार या अपनी सेहत को नजरअंदाज कर शायद हम बहुत तेजी से भाग रहे है और कोई छोटी असफलता या बीमारी के रूप में आया एक टर्न हमें संभलने और सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सही दिशा में भाग रहे हैं? जिंदगी में आने वाले मोड़ हमें चौंकाते हैं और हमारी दिनचर्या में हलचल पैदा करते हैं। जिंदगी में जब कोई कठिन मोड़ आता है तभी तो हमें अपनी असली ताकत और धैर्य का पता चलता है। मुसीबतें यह नहीं बतातीं कि हम कितने कमजोर हैं बल्कि यह दिखाती हैं कि हम जितना सोचते थे, उससे कहीं ज्यादा मजबूत हैं। यह बदलाव ही हमें महसूस कराता है कि हम सिर्फ सांस नहीं ले रहे है बल्कि जिन्दगी को ‘‘जी’’ रहे हैं। जब सब कुछ हमारी योजना के अनुसार चलता है तो हमें लगता है कि जिंदगी के मालिक हम ही हैं। लेकिन अचानक आया एक मोड़ हमें याद दिलाता है कि नियंत्रण हमेशा हमारे हाथ में नहीं होता। जिन्दगी के मोड हमें विनम्र बनाता है और समय की कद्र करना सिखाता है।
जिंदगी के हाइवे पर ‘‘टर्न’’ से डरना नहीं चाहिए। सीधे रास्ते सिर्फ दूरी तय करने के लिए होते हैं लेकिन असली रोमांच और यादें मोड़ों पर ही बनती हैं। जिंदगी के टर्न हमें चीजों को देखने का एक नया नजरिया देते हैं। जो समस्या कल पहाड़ जैसी लगती थी लेकिन एक नए मोड़ के बाद वही समस्या छोटी लगने लगती है। अनुभव का दायरा इन्हीं मोड़ों से बढ़ता है। अगली बार जब जिंदगी आपकी स्टीयरिंग को किसी अनजान दिशा में घुमाए तो घबराएं नहीं। मजबूती से थामें और देखें कि यह नया रास्ता आपको कौन से खूबसूरत नजारे दिखाने वाला है। जिंदगी के मोड़ से जैसे कार चलाते वक्त मोड़ आने पर हम गति धीमी करके सावधानी से आगे बढ़ते हैं, वैसे ही जिंदगी के मोड़ों पर धैर्य रखना चाहिए। हो सकता है कि अगला मोड़ आपको वहां ले जाए जिसके बारे में आपने सपने में भी नहीं सोचा था।