लॉरेंस गैंग का मुख्य हथियार सप्लायर राजस्थान से गिरफ्तार

By :  prem kumar
Update: 2024-11-11 12:14 GMT

श्री गंगानगर. जिला विशेष टीम और सदर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नाजायज हथियारों के मुख्य सप्लायर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस आरोपी ने हरियाणा और पंजाब में लॉरेंस गैंग के कई शूटरों को हथियारों की खेप पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

सदर पुलिस की गिरफ्त में आए शूटरों से पूछताछ के दौरान अवैध हथियारों की सप्लाई के बारे में जानकारी मिलने के उपरांत पुलिस ने मुख्य सप्लायर की तलाश की। सदर पुलिस और जिला विशेष टीम की संयुक्त टीम ने रविवार को पदमपुर बाइपास पर राधा स्वामी डेरे के पास एक शख्स को काबू किया। इसकी पहचान चौबीस वर्षीय सुनील कुमार उर्फ देवराज पुत्र पन्नालाल के रूप में हुई। वह गांव 23 एलएनपी लाधुवाला का रहने वाला है। इसके कब्जे से तीन अवैध पिस्टल अनुमानित दो 32 बोर व एक पिस्टल अनुमानित 30 बोर बरामद किया गया।

इस संबंध में सदर थाने में हैड कांस्टेबल राजकमल की ओर से आर्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी देवराज उर्फ पन्नालाल मध्यप्रदेश के खरगौन जिले से अवैध हथियार लाकर बेच रहा था। कई बार वह हथियारों की खेप ला चुका है। इसके अन्य लोगों के साथ संपर्क था या नहीं, इस संबंध में पुलिस पूछताछ कर रही है।

बस यात्री बनकर लेकर आता हथियार

पुलिस की सख्ती हुई तो आरोपी ने खुद की कार या अन्य वाहन की बजाय बस यात्री बनकर मध्यप्रदेश के खरगौन में पहुंचता और वहां से हथियार लेकर यहां आता। पंजाब और हरियाणा में उसने कईयों को यह हथियार बेचे हैं।

जांच टीम ने बताया कि तीस बोर के पिस्तौल को वह नब्बे हजार से करीब एक लाख रुपए में बेचता जबकि 32 बोर के पिस्तौल के एवज में चालीस हजार रुपए में वसूल कर रहा था। श्रीगंगानगर लोकल में भी कई युवकों को उसने हथियार बेचे हैं, उससे पूछताछ में कुछ लोगों के नाम बताए हैं।

कई युवकों ने बना लिया यह धंधा

जांच टीम में शामिल अधिकारियों ने बताया कि इलाके में कई युवकों में हथियार रखने का अधिक शौक है, ऐसे शौकीनों के लिए भी सस्ते और महंगे हथियार उपलब्ध कराए जाते हैं। वहीं कई अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों को भी ये हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं। ऐसे में एक ही फेरे में करीब पचास हजार से एक लाख रुपए कमाने के लिए मध्य प्रदेश से कई युवकों ने सप्लायर के रूप में धंधा

दिल्ली पुलिस पहले ही जब्त कर चुकी मोबाइल फोन

सीआई ने बताया कि दिल्ली की स्पेशल काउंटर इंटेलीजेंस विंग ने लॉरेंस गैंग के इन शूटरों को काबू किया था। तब इन आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए थे। ऐसे में मोबाइल फोन नहीं होने के कारण इन आरोपियों को दूसरे लोगों के साथ संपर्क थे या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। हालांकि इन आरोपियों से पूछताछ में कई जानकारी हासिल हुई है।

सुखराम ने ठहराने के लिए कराया था इंतजाम

जांच अधिकारियों ने बताया कि रावतसर क्षेत्र के आरोपी सुखराम ने इस शूटरों को श्रीगंगानगर के पुरानी आबादी में ठहराया था। दो बार अलग-अलग ग्रुपों में इन शूटरों को सुनील पहलवान की रैकी के लिए बुलाया गया था, एक ग्रुप में आरोपी बादल, प्रमोद और अमर आए थे, जबकि दूसरे ग्रुप में सुखराम व अन्य शूटर खुद आया था।

23 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने जब बिहार के रितेष उर्फ हरिया को काबू कर पूछताछ की तो उसने सुनील पहलवान पर हमले की साजिश रचने के लिए अन्य शूटरों की भूमिका के बारे में जानकारी दी थी। इस आरोपी के खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस ने श्रीगंगानगर में ठहरे सुखराम को ले गई, जबकि बाकी शूटरों को पंजाब और हरियाणा से काबू किया।

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