अनाधिकृत ईलाज करने वाले अस्पतालों और अनाधिकृत चिकित्सकों के विरूद्ध दण्डनीय कार्यवाही करने की अनुशंषा
जयपुर/चित्तौड़गढ़, । राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने पर बच्चे की मृत्यु हो जाने पर नवजीवन हॉस्पिटल भवानीमण्डी के चिकित्सकों के विरूद्ध प्रकरण में पीड़ित परिवार को हुई क्षति की पूर्ति के लिए राज्य सरकार से आर्थिक अनुतोष दिलवाए जाने की अनुशंषा की गई है।
जस्टिस रामचन्द्र सिंह झाला द्वारा प्रकरण में भवानीमण्डी के रिद्धि-सिद्धि कॉलोनी निवासी 8 वर्षीय मृतक बालक प्रहल पारेता के पिता आशीष पारेता को अनुतोष राशि हेतु 5 लाख रुपए का भुगतान, आदेश जारी होने से तीन माह की अवधि में किये जाने हेतु अनुशंषा की गई है। साथ ही इलाज में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक डॉ. कुलदीप सिंह, आयुर्वेदाचार्य डॉ. हरिवल्लभ तथा नवजीवन हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर भवानीमण्डी के प्रबन्धन एवं हॉस्पिटल में कार्यरत इस हेतु दोषी अन्य कार्मिकों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाकर विधि अनुसार उचित कानूनी कार्यवाही की भी अनुशंषा की गई है।
उल्लेखनीय है कि गत 25 जनवरी 2023 को मृतक बालक के पिता आशीष पारेता द्वारा उनके पुत्र प्रहल पारेता को पेट दर्द होने पर नवजीवन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जांच अनुसार उपस्थित चिकित्सकों द्वारा उचित इलाज नहीं दिए जाने एवं लापरवाही के कारण प्रहल पारेता की मृत्यु हो गई थी। इस पर पीड़ित परिवार द्वारा राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग में परिवाद दर्ज कराया गया। जिसमें जांच के पश्चात् आयोग सदस्य जस्टिस श्री रामचंद्र सिंह झाला द्वारा पीड़ित परिवार को अपूरणीय क्षति की पूर्ति के लिए राज्य सरकार से आर्थिक अनुतोष दिलवाए जाने की अनुशंषा की गई है।
आयोग में उक्त प्रकरण को निस्तारित करते हुए सम्पूर्ण राज्य में अभियान चलाकर सक्षम संसाधनों, मानव संसाधनों की कमी/अनुपलब्धता के बावजूद मानव स्वास्थ्य एवं जीवन के साथ खिलवाड कर कथित रूप से अनाधिकृत ईलाज करने वाले अस्पतालों और अनाधिकृत चिकित्सकों के विरूद्ध नियमानुसार उचित दण्डनीय कार्यवाही करने की अनुशंषा की है। साथ ही ऐसे अस्पतालों को मुख्यमन्त्री चिरंजीवी स्वाथ्य बीमा योजना तथा राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) सहित ऐसी अन्य सभी राजकीय चिकित्सा बीमा योजनाओं से तत्काल असम्बद्ध (De- empanelment) किए जाने के अनुशंषा की गई है।