लैगिंक अपराध से आरोपी हुआ दोष मुक्त

By :  vijay
Update: 2024-11-12 09:32 GMT

चित्तौडगढ ।  परिवादी द्वारा पोक्सो कोर्ट भीलवाडा में इस्तगासा इन तथ्यों के साथ पेश किया कि परिवादी ग्राम गाडरीखेडा पुलिस थाना सदर भीलवाडा का होकर परिवार सहित निवास करता हैं। अभियुक्त परिवादी के जाति समाज का हैं। करीब डेढ माह पूर्व अभियुक्तगण शांतिलाल, भैरूलाल व उॅकारलाल परिवादी के घर आये जिस पर उसने उनको जातिगत होने के कारण खाना खिलाया। अभियुक्तगण रातभर वहीं रूक एवं परिवादी सुबह उसके खेत पर चला गया तथा घर पर उसकी पुत्री पीडिता थी जिसको अभियुक्तगण षडयंच रचाकर बहला फुसला कर उसकी इच्छा के विरूद्व अवा कर ले गये। परिवादी की नाबालिक पुत्री ने 200 ग्राम के चांदी के पायजेब पहन रखे थे। परिवादी जब दिन मे घर पर आया तो न तो मुल्जीमान मिले ना ही उसकी नाबालिग पुत्री मिली। इस पर उसने आस पडोस मे पता किया तो पता चला कि उसकी पुत्री को अभियुक्तगण अगवा कर ले गये है। इत्यादि पर इस्तगासा कोर्ट में 156(3) सीआरपीसी के तहत पेश किया गया। जिसके प्रकरण सं. 21/2021 के तहत प्रकरण पंजीबद्व किया जाकर अनुसंधान प्रांरभ किया गया। दौराने अनुसंधान में प्रकरण सं. 188/2019 धारा 363, 366ए, आईपीसी थाना सदर भीलवाडा व प्रकरण सं. 21/2021 धारा 363, 366ए व धारा 3/4 व 16/17 पोक्सो एक्ट थाना सदर भीलवाड़ा मे दोनों मे एक ही परिवादी व एक ही आरोपीगण एवं घटना होना पाया गया तथा घटना के संबंध में सहवन से दो प्ररकण दर्ज होने से प्रकरण सं0 21/2021 भादस की धारा 341, 506 धारा 7/8 पोक्सो ऐक्ट विकल्प में धारा 354 व धारा 11(4)/12 पोक्सो एकट विकल्प मे धारा 354डी आईपीसी की सम्पूर्ण पत्रावली को प्रकरण सं. 188/2019 पत्रावली के साथ समेकित किया गया तथा बाद आवश्यक अनुसंधान प्रकरण में एफआर अदम वकुआ /गैर इलाका का होना पाये जाने से पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ को अग्रिम कार्यवाही करने हेतु न्यायालय मे पत्रावली प्रस्तुत की जिजस पर संबंधित थानाधिकारी को पत्रावली प्राप्त होने पर पुलिस थाना कपासन द्वारा प्रकरण सं. 23/2021 दर्ज किया जाकर अनुसंधान प्रांरभ किया गया। आवश्यक अनुसंधान अभियुक्त के विरूद्व आरोपित अपराध को प्रथम दृष्टया प्रमाणित मानकर अनुसंधान अधिकारी द्वारा आरोप पत्र इस न्यायालय मे दिनांक 14 सितम्बर 2021 को पेश किया जिस पर उक्त धाराओ मे अभियुक्त शांतिलाल के विरूद्व प्रसंज्ञान लिया गया। उक्त प्रकरण की सुनवाई करते हुए विशिष्ट न्यायाधीश लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 क्रमांक 1 के पीठासीन अधिकारी लता गोड द्वारा अभियुक्त के अधिवक्ता सुरेशचन्द्र भांबी , उदयलाल गाडरी की पैरवी व साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण मे आरोपी शांतिलाल ढोली को दोषमुक्त करने का आदेश प्रदान किया।

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