चोरों का अड्डा बना नगर परिषद का रैन बसेरा,

Update: 2024-12-23 17:35 GMT

  रैन बसेरों का उद्देश्य समाज के बेसहारा लोगों को आश्रय देना होता है लेकिन चित्तौड़गढ़ में नगर परिषद की लापरवाही के चलते यह उद्देश्य बुरी तरह विफल हो रहा है। मोक्षधाम के समीप पन्नाधाय बस स्टैंड पर स्थित स्थाई रैन बसेरा अब चोरों की सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। मामला तब सामने आया जब गांधीनगर मजिस्ट्रेट कॉलोनी के निवासी हनीफ मुल्तानी के घर के बाहर रखे भारी मशीनरी सामान को चोरों ने चोरी कर लिया। इसके सात दिन के भीतर एक और भारी वजनी मशीन भी गायब हो गई। जब हनीफ ने खुद अपने चोरी हुए सामान की तलाश की तो यह पन्नाधाय बस स्टैंड के पास स्थित रैन बसेरे में पाया गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर गांधीनगर चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रैन बसेरे पर छापा मारा। पुलिस को यहां बड़ी मात्रा में चोरी का सामान बरामद हुआ, जिसमें रेलवे और आरएसीबी विभाग के उपकरण, पानी की मोटरें, एक बाइक, जले हुए तार और लोहे के भारी सामान शामिल थे। पुलिस ने तुरंत रैन बसेरे को सील कर दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि इन रैन बसेरों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर परिषद की है, लेकिन स्थाई रैन बसेरों पर चोरों का कब्जा होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने बताया कि रैन बसेरा अपराधियों का अड्डा बन चुका है। इसके अलावा क्षेत्र में बड़ी संख्या में भंगार की दुकानें संचालित हो रही हैं, जहां चोर अपना माल खपाने का काम करते हैं।

पुलिस ने कई बार नगर परिषद को पत्र लिखकर रैन बसेरों और भंगार की दुकानों पर कार्रवाई की मांग की लेकिन परिषद ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। भंगार संचालकों पर भी अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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