आत्म ध्यान शिविर आज महामिशन बना- महासाध्वी प्रतिभाश्री

Update: 2024-09-18 11:00 GMT

निम्बाहेड़ा। महासाध्वी प्रतिभाश्री, प्रेक्षाश्री और प्रेरणाश्री के पावन सानिध्य में श्रमण संघीय आचार्य डॉ. शिवमुनि का जन्मोत्सव गुणानुवाद कर श्रद्धा और भक्ती के साथ मनाया गया। गुणावाद सभा मे सर्व प्रथम नवकार महामंत्र का जाप किया गया।

प्रवचन सभा में महासाध्वी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्य डॉ. शिवमुनि का जन्म पंजाब राज्य के एक छोटे से गाव मलोट में हुआ। आचार्य बचपन से ही मेधावी एवं होनहार छात्र रहे। 17 मई 1972 को तीस वर्ष की आयु में आपने दीक्षा ली, दीक्षा लेने के बाद से ही आपका ध्यान की तरफ़ विशेष आकर्षण रहा। सन् 1987 मे श्रमण संघ के द्वितीय पट्टधर आचार्य सम्राट आनंद ऋषि ने आपको युवाचार्य जैसे गौरवशाली पद के लिए सर्वानुमति से मनोनीत किया तथा सन् 1999 मे आप श्रमण संघ के आचार्य बने। सन 1999 से आचार्य द्वारा प्रारंभ आत्म ध्यान शिविर आज महामिशन का रूप ले चुका है। धर्मसभा मे संघ के पूर्व संरक्षक डॉ. जे.एम.जैन, मंत्री गिरीश कुमार श्रीमाल ने भी आचार्य के प्रति अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष विजय कुमार मारू ने बताया कि आज से चंद्रकला तप की तपस्या प्रारंभ हो रही है।

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