ओबीसी वर्ग का संवैधानिक हक सुरक्षित करने को आयोग प्रतिबद्ध: उदयपुर में संवाद कार्यक्रम में आयोग अध्यक्ष भाटी बोले
उदयपुर। राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश मदनलाल भाटी ने कहा है कि आयोग राज्य के ओबीसी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को संवैधानिक दायरे में रहते हुए सुरक्षित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वे शुक्रवार को उदयपुर में आयोजित संभाग स्तरीय जनसंवाद और परिचर्चा कार्यक्रम में बोल रहे थे।
भाटी ने कहा कि जनसंवाद के दौरान प्राप्त सुझावों और मांगों का विधिक और संवैधानिक अध्ययन कर न्यायोचित प्रतिवेदन सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि ओबीसी वर्ग के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के अध्ययन के लिए आयोग एक विस्तृत सर्वे भी प्रस्तावित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सर्वे प्रपत्र के प्रारूप की जानकारी दी और सभी समाज प्रतिनिधियों से इसे सही ढंग से भरकर प्रस्तुत करने का आग्रह किया।
समाज प्रतिनिधियों ने रखीं मांगें
कार्यक्रम में उदयपुर संभाग के विभिन्न जिलों से आए समाज प्रतिनिधियों ने ओबीसी वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन से जुड़ी अपनी अपेक्षाएं और सुझाव आयोग के सामने रखे। आयोग ने भरोसा दिलाया कि सभी न्यायोचित सुझावों को रिपोर्ट में शामिल कर सरकार को भेजा जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप अध्ययन
आयोग सचिव अशोक कुमार जैन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण तय करने से पहले राज्य में ओबीसी समुदाय के पिछड़ेपन की प्रकृति और व्यवहारिक स्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आयोग पंचायती राज और नगरीय निकायों में ओबीसी वर्ग को समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण का फार्मूला तय करेगा और इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाएगा।
कार्यक्रम में सांसद डॉ मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया और वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी ने भी अपने विचार रखे।
