नाबालिग से दुष्कर्म में शिक्षक को 20 साल की सजा

Update: 2024-06-22 07:09 GMT

जालौर। राजस्थान के जालौर जिले के बागोड़ा थाना क्षेत्र में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दो साल पुराने मामले में जालौर पॉक्सो कोर्ट में सुनावाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोषी शिक्षक को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।

मामला जालौर जिले के बागोड़ा थाना क्षेत्र का है, जहां आरोपी शिक्षक ने किताबें खरीद कर घर लौट रही नाबालिग छात्रा से दरिंदगी की थी। नाबालिग के मामा ने 29 सितंबर 2022 को बागोड़ा थाना में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता की मामी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी भांजी एक स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं में पढ़ती है। शाम को घर से बस स्टैंड स्थित स्टेशनरी की दुकान पर किताब लेने गई थी, लेकिन 7:00 बजे तक वापस नहीं आई। तब उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान बस स्टैंड के पास गांव के ही दो परिचित युवक मिले, जिन्हें पीड़िता के मामा ने पूरी बात बताई। इसके बाद सभी ने मिलकर नाबालिक की तलाश शुरू की।

इस दौरान दुकानों के ऊपर बने कमरे से बच्ची के रोने की आवाज आई। जाकर देखा तो बंद कमरे में उसकी भांजी थी। इसके बाद गेट को तोड़कर कमरे में देखा तो उसकी भांजी फर्श पर बेहोशी की हालत में पड़ी थी। पूछताछ करने उसने बताया कि वह किताबें लेकर घर आ रही थी, तभी उसके स्कूल शिक्षक प्रमोद कुमार पुत्र ओमप्रकाश मेघवाल निवासी चुबकियागढ़, पुलिस थाना सिद्वमुख, जिला चुरू ने उसका रास्ता रोक लिया। जबरदस्ती उसे कमरे में ले गया और डरा धमका कर उसके साथ दो-तीन बार दरिंदगी की।

मामले में जालौर पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ठ न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार शांडिल्य ने सुनवाई करते हुए आरोपी प्रमोद कुमार पुत्र ओमप्रकाश मेघवाल को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए एक लाख के अर्थदण्ड से दंडित किया है। 

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