कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाए 14.49 करोड़

By :  vijay
Update: 2025-04-30 05:39 GMT
कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाए 14.49 करोड़
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उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने बीते वित्त वर्ष में कबाड़ की बिक्री से 14.49 करोड़ रुपये की कमाई की है। मंडल द्वारा 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान 3493 मीट्रिक टन स्क्रैप का सफलतापूर्वक निपटान किया गया।

जोधपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि मंडल में कबाड़ निस्तारण अभियान को एक मिशन की तरह संचालित किया गया। इसका उद्देश्य केवल राजस्व अर्जन नहीं था, बल्कि रेलवे परिसरों को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना भी था।

डीआरएम त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रक्रिया से हुई आय का उपयोग जोधपुर मंडल में यात्री सुविधाओं के विस्तार, प्रतीक्षालयों के आधुनिकीकरण, प्लेटफॉर्म विस्तार और आधुनिक सुरक्षा उपकरणों की स्थापना जैसे कार्यों में किया जाएगा।


क्या होता है रेलवे का कबाड़?

रेलवे के स्क्रैप में मुख्य रूप से पुरानी रेल पटरियां, स्लीपर, शेड, अनुपयोगी कोच और वैगन, पुराने वाहन, पानी की टंकियां और अन्य लोहा-स्क्रैप शामिल होते हैं। ये सभी सामग्रियां समय के साथ अनुपयोगी हो जाती हैं और इन्हें व्यवस्थित रूप से हटाना आवश्यक होता है।

कबाड़ की सफाई से क्या होगा फायदा?

स्टेशनों और रेल लाइनों के आसपास फैले स्क्रैप को हटाने से ट्रेनों की आवाजाही पहले से अधिक सुरक्षित हुई है। पुराने टुकड़े जैसे स्लीपर और टाई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते थे, जिनका निपटान समय रहते कर दिया गया।

अनुपयोगी ढांचे जैसे पुराने स्टाफ क्वार्टर, केबिन और शेड हटाए जाने से अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं के लिए जगह उपलब्ध हुई है, जिससे भीड़भाड़ कम हुई है और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल रहा है।

स्क्रैप बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग स्वच्छ शौचालय, बेहतर प्रतीक्षालय, पीने के पानी की सुविधा, ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन और आधुनिक सुरक्षा उपकरणों जैसे सीसीटीवी, बायो-टॉयलेट, एलिवेटेड वॉक वे आदि की स्थापना में किया जाएगा।

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