जालोर जिले के जसवंतपुरा क्षेत्र के गजीपुरा गांव में महिलाओं के स्मार्टफोन इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध को पंचायत ने वापस ले लिया है। सामाजिक स्तर पर विरोध और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद पंचों ने दोबारा बैठक कर अपने ही फैसले को निरस्त करने का निर्णय लिया।
दरअसल, चौधरी समाज की सुंधामाता पट्टी की ओर से 21 दिसंबर को गजीपुरा गांव में एक सामाजिक पंचायत आयोजित की गई थी। इस बैठक में 15 गांवों की बहू बेटियों के लिए 26 जनवरी से स्मार्टफोन के उपयोग पर रोक लगाने का फैसला लिया गया था। यह निर्णय सामने आते ही सोशल मीडिया पर छा गया और इसे लेकर समाज के भीतर और बाहर तीखा विरोध शुरू हो गया।
विवाद बढ़ने के बाद गजीपुरा गांव में पंचों की पुनः बैठक बुलाई गई। बैठक में पहले लिए गए फैसले पर चर्चा की गई और अंततः स्मार्टफोन पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस लेने के आदेश जारी किए गए। पंच नाथाराम ने बताया कि यह निर्णय समाज हित में मोबाइल के संयमित उपयोग को लेकर लिया गया था, लेकिन अब इसे पूरी तरह निरस्त कर दिया गया है।
21 दिसंबर की बैठक में क्या था निर्णय
पहली बैठक में पंच हिम्मताराम ने समाज का फैसला पढ़कर सुनाया था। समाजबंधु देवाराम के प्रस्ताव पर पंच पटेलों ने तय किया था कि 15 गांवों की बहू बेटियां कैमरे वाले एंड्रॉयड फोन का उपयोग नहीं करेंगी और केवल की पैड वाले मोबाइल फोन रखेंगी। यह भी कहा गया था कि पढ़ाई करने वाली छात्राओं को यदि मोबाइल की आवश्यकता होगी, तो वे घर के भीतर ही मोबाइल का उपयोग कर सकेंगी।
इसके अलावा निर्णय में यह भी शामिल था कि महिलाएं शादी समारोह, सामाजिक कार्यक्रम या पड़ोसी के घर जाते समय मोबाइल फोन साथ नहीं ले जाएंगी। इस फैसले को तुगलकी करार देते हुए कई सामाजिक संगठनों और लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
अब पंचायत द्वारा प्रतिबंध वापस लिए जाने के बाद गांव और आसपास के क्षेत्रों में राहत की भावना देखी जा रही है।
