पारम्परिक वेशभूषा में जैन डांडिया महोत्सव में थिरके जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं

Update: 2024-10-08 10:33 GMT

उदयपुर।  गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुल्लक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत एवं जैन युवा परिषद उदयपुर युवा परिषद के अध्यक्ष रविश मुण्डलिया ने बताया कि गमेर बाग धाम में बालयोगी युवासंत मुनि श्रुतधरनन्दी महाराज ससंघ के सानिध्य में 9 दिवसीय भव्य नवरात्रि पार्श्व पद्मावती महामंडल विधान, पद्मावती माता की गोद भराई एवं गरबा महोत्सव के तहत मंगलवार को विविध आयोजनों के तहत पूजा-अर्चना की, उसके बाद चैत्यालय की प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक, महाशांतिधारा एवं ध्वजा रोहण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। दोपहर 2 बजे से पद्मावती माता की गोद भाराई का कार्यक्रम आयोजित हुआ। शाम को 7 बजे आनन्द यात्रा एवं आरती का आयोजन हुआ। उसके बाद सभी श्रावक-श्राविकाओं द्वारा गरबा खेला गया।

कार्यक्रम संयोजक राजेश गदावत, विक्रमदेवड़ा, रविश मुण्डलिया, विजय गदावत, जितेंद्र जोलावत, भूपेन्द्र मुंडफोडा व रितेश बोहरा ने बताया कि तीन अलग-अलग राउण्ड में पारम्परिक रूप से गरबा खेला गया। रात्रि को दैवी मॉ की आरती के पश्चात वाद्य यंत्रों व परम्परागत लोक कलाकारों की मधुर स्वर लहरियों पर गरबा रास प्रारंभ हुआ जिसमे महिलाए पुरूष व बच्चे आकर्षक परिधानों में सजधज कर देर रात्रि तक इसका जम कर आनंद उठाया। डांडिया रास हेतु महिलाएं, बालक-बालिकाएं व युवक युवतियों ने शिरकत कर देर रात्रि तक माता के गरबो की धुन पर हारमोनियम आदि इलेक्ट्रोनिक उपकरणों पर गरबा खेला जा रहा है। डांडिया महोत्सव के दौरान विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के साथ-साथ सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि सांसारिक इन्द्रिय सुखों में डूबे रहने वालों को दु:ख पाने ही पड़ते है। जीवन क्षणभंगुर है इसका कोई भरोसा नहीं है कब हवा का झोंका आए और सब कुछ खत्म हो जाए इसलिए कभी समय का प्रमाद मत करना, समय किसी को माफ नहीं करता है। समय बड़ा बलवान व ताकतवर है, जो समय फेल करते है उनको समय जिंदगी में कभी पास नहीं होने देता। जो समय पास करते है उनको बाद में समय बाईपास कर देता है। खोया हुआ धन वापस मिल सकता लेकिन बीता हुआ समय लौटकर नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ न चलने वाला पीछे रह जाता है। समय की तरह ही जुबां से निकले शब्द भी वापस नहीं आ सकते। कभी बुरा नहीं देखे, बुरा नहीं करे और बुरा नहीं सुने। क्षण भर के गलत कार्य का भुगतान जिंदगी भर करना पड़ता है। जीव को कई योनियों में बहुत परेशानियां झेलने के बाद ये मानव तन प्राप्त होता है।

इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, भंवरलाल देवड़ा, मंजु गदावत, लक्ष्मी देवड़ा, सीता देवड़ा, जयश्री देवड़ा, अल्का भदावत, लक्ष्मी सिंघवी, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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