उदयुपर में पहली बार गाजे बाजे के साथ निकली जिनवाणी की शोभायात्रा

उदयपुर। धर्मनगरी उदयपुर में 31 मई से 8 मई तक आयोजित होने वाले सम्यग्ज्ञान शिक्षण शिविर का भव्य उद्घाटन श्री पार्श्वनाथ मंदिर उदासीन आश्रम अशोकनगर मन्दिर जी मे भव्य माँ जिनवाणी की शोभायात्रा सेकड़ो भक्तों के समूह के साथ वीर वाणी के जय कारों को लगाते हुय प्रातः कालीन वेला में सानंद सम्पन्न हुई।
शिविर प्रभारी सम्राट जैन शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि पार्श्वनाथ जैन मंदिर उदासीन आश्रम में प्रातःकाल में सांगानेर के विद्वानों के द्वारा सामूहिक अभिषेक शांतिधारा की गईं । शिविर उन्नति पथ पर बढ़ते हुए महती धर्म प्रभावना की उद्देश्य से ध्वजारोहण कमला देवी श्रीपाल ठोलिया परिवार द्वारा किया गया। तत्पश्चात श्री जिनवाणी मां की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसमे उदयपुर के विभिन्न महिला मंडल और बच्चे माँ जिनवाणी को अपने मस्तक पर लेकर पैदल चल रहे थे।शोभा यात्रा मे नेमी नाथ मन्दिर पाठ शाला के बच्चो का दिव्य घोष का विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।श्रुत पंचमी पर पालकी मे श्री षटखंडागम जी विराजमान हुय।शोभा यात्रा 108 जैन ध्वज लेकर भक्त चल रहे थे।शोभायात्रा के पश्चात सभी के लिए वात्सल्य अल्पाहार की व्यवस्था रखी गईं।
महेंद्र टाया ने बताया कि शिविर उद्घाटन कार्यक्रम में मँगलाचरण केशव नगर पाठ शाला के नन्हे मुन्ने बच्चो द्वारा किया गया।चित्र अनावरण भरत-कल्पना गांगावत परिवार ने एवं दीप प्रज्ज्वलन प्रकाश -ज्योति अखावत परिवार द्वारा साथ ही मंगल कलश स्थापना राजेश टाया, सिद्धार्थ टाया द्वारा एवं शिविर उद्घाटन बसंतीलाल टाया परिवार द्वारा किया गया। शास्त्र विराजमान करने का सौभाग्य श्री दिगम्बर
जैन महासमिति महिला सम्भाग की श्राविकाएं श्रीमती सुशीला पांड्या, श्रीमती सुनीता वैद्य, श्रीमती निकिता शाह, श्रीमती बबीता जैन एवं महिला संघटन के द्वारा किया गया।
श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर से पधारें 40 विद्वानों का धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष कुंथु कुमार गणपतोत एवम संपूर्ण समिति के द्वारा सत्कार किया गया। कार्यक्रम में जिनवाणी सजाओं प्रतियोगिता में सैकड़ो महिलाएं एवं बच्चे जिनवाणी मां को सजा कर लाएं। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन में दिनेश डबारा वर्तमान परिस्थितियों में शिविर की आवश्यकता पर प्रकाश डाला धर्म प्रभावना समिति से शशि कांत शाह ने कार्यक्रम में पधारें सभी का अभिवादन किया। कार्य क्रम के मुख्य अतिथि दीपक जी संगीता जी भारती रहे जिन्होने बताया की संस्कारो से ही भावी पीढ़ी को संभाला जा सकता हैं धन्यवाद ज्ञापन उदासीन आश्रम से नरेंद्र टाया ने किया सांगानेर से पधारे विद्वान मनोज जी शास्त्री ने ज्ञान समान न आन जगत से जिन वाणी की महिमा बताई , डॉ प्रेम सुमन ने जी कहा की जिन वाणी बाहर सजाने के साथ अंदर भी सजाय अर्थात एक एक गाथा याद करे। श्री पार्श्व युवा संघटन से पंकज जी ठाकुरडिया और उनकी टीम का पुरा सहयोग रहा, शिविर कार्य क्रम की रूप रेखा मे बताया की प्रति दिन सभी मंदिरों मे दो दो सुबह और शाम कक्षाय संचालित होगी सांस्कृतिक आयोजन होंगे बच्चो को प्रति दिन पुरुष्कार की व्यवस्था रहेगी।
इस कार्यक्रम मे विभिन्न समाज के महेंद्र कुमार टाया, , शशिकांत शाह, जिनेन्द्र गांगावत, नेमि चन्द्र पटवारी,डॉ उदय चन्द्र जी, डॉ एस के लुहाड़िया साहब, राजेश बड़जात्या, अशोक अग्रवाल, भेरू लाल, राजेंद्र अखावत, श्याम जस्सी गोत्, नरेंद्र बैनाडा, राजेश वेद, विकास गदिया, रमेश वालावत, धनपाल जेतावत, प्रेमचन्द्र जी देबालि,
आदि रहे ।