आदमी साधनों से नहीं साधना से श्रेष्ठ बनता है : साध्वी जयदर्शिता

Update: 2025-07-16 08:22 GMT

 उदयपुर, । तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में   जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में कला पूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता  , जिनरसा  , जिनदर्शिता  व जिनमुद्रा  महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास सम्पादित हो रहा है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि बुधवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन ग्रंथ की पूजा-अर्चना की।

आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में बुधवार को आयोजित धर्मसभा में साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने प्रवचन में बताया कि आदमी साधनों से नहीं साधना से श्रेष्ठ बनता है। भवना से नहीं भावना से श्रेष्ठ बनता है। उच्चारण से नहीं उच्च आचरण से श्रेष्ठ बनता है। तीर्थंकर ने पांच कल्याण किए इसलिए पूज्य है। जिनके कल्याणक होते वह तीर्थंकर होते है साधारण मनुष्यों के कल्याण नहीं होते है। हमे भी भावना भानी है कि मैं भी तीर्थंकर बन जाऊ एवं मोक्ष को प्राप्त करु। संघर्ष करना है मोक्ष मोर्ग पर करना, मनुष्य की चाल धन से भी बदलती है और धर्म से भी बदलती है अगर मनुष्य के पास धर्म नहीं है तो कुछ भी नही है। प्रवचन में करीब 250 से अधिक श्रावक-श्राविकाएं प्रतिदिन धर्म लाभ ले रहे है।

इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागोरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, चतर सिंह पामेच, गोवर्धन सिंह बोल्या, सतीश कच्छारा, दिनेश भण्डारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।

Tags:    

Similar News