राग द्वेष खत्म करके व्यक्ति वीतराग बन सकता है : आचार्य महाश्रमण

Update: 2025-11-12 11:26 GMT

उदयपुर,  । तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ लम्बे-लम्बे डग भरते हुए मेवाड़ की ओर अपने चरण बढ़ा रहे है। श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 12 नवम्बर को प्रात: हिम्मतनगर से का विहार कर गम्भोई पहुंचे। आगामी 16 नवंबर को आचार्य महाश्रमण रतनपुर बॉर्डर से राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेंगे। आचार्य महाश्रमण मुंबई, सूरत और अहमदाबाद चातुर्मास संपन्न करके लगभग 3 वर्ष पश्चात राजस्थान पधार रहे है। आचार्य महाश्रमण के विहार के दौरान मार्ग में जगह- जगह ग्रामीणों और श्रावक-श्राविकाओं द्वारा अभिवादन किया गया। आचार्य महाश्रमण ने ग्रामीणों का नशामुक्ति की प्रेरणा दी। आचार्य महाश्रमण का अपनी धवल वाहिनी के साथ अगला पड़ाव 13 नवम्बर को राजेंद्र नगर में होगा। आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित जन समुदाय और को अमृत देशना देते हुए फरमाया कि राग द्वेष की भावना को खत्म करने वितरागता को प्राप्त कर सकते है। केवलज्ञानी बन सकते है। लौकिकता में शरीर आदि बाहरी चीजें होती है। और आध्यात्मिकता में आत्मा होती है। साधना के क्षेत्र में व्यक्ति का आत्म मुखी होना आवश्यक होता है। हमें यह समझना होगा कि धन, मोह, माया कभी भी हमारे साथ चलने वाले नहीं है। साधना और धर्म ही हमेशा काम आने वाला है। समणी अपूर्वप्रज्ञा ने अहंकार को हटाने के संदर्भ में अंग्रेजी में अपनी सारगर्भित बात रखी। गम्भोई उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य कमलेश भाई पटेल, गम्भोई के ठाकुर रणजीत सिंह का का साहित्य समर्पण, उपरना और स्मृति चिन्ह से अभिनंदन मेवाड़ कांफ्रेंस महामंत्री बलवंत रांका, मोतीलाल पोरवाल, राजमल चपलोत, प्रकाश पितलिया द्वारा किया गया। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया।

मार्ग सेवा में किशनलाल डागलिया, राजकुमार फत्तावत, भूपेंद्र चोरडिय़ा, कमलेश कच्छारा, बलवंत रांका , सूर्यप्रकाश मेहता, अरुण मेहता , राजीव सुराणा, सुरेश चोरडिया, राजेश खाब्या, सुनील कोठारी, प्रेक्षा वरिष्ठ नागरिक संघ उदयपुर के मोतीलाल पोरवाल, रतन मेहनोत, अशोक लोढ़ा, महेंद्र पितलिया, राजमल चपलोत, आनंद कुमार इन्टोदिया, नरेंद्र सिंह लोढ़ा, नरेंद्र नागौरी, प्रकाश पितलिया, ताराचंद सिंघवी, मंजू चौधरी, ज्योति मेहनोत, गंगा पितलिया, पुष्पा नागौरी, हेमलता नागौरी, उषा लोढ़ा, वैभव चौधरी अक्षत पोरवाल, नमन सोनी, हर्षिल बोहरा आदि आचार्य महाश्रमण की मार्ग सेवा में सहभागी रहे।

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