उदयपुर । वैश्विक संगठन विप्र फाउंडेशन के उदयपुर स्थित प्रकल्प -शिक्षा,रोजगार एवं प्रतियोगी परीक्षा प्रकोष्ठ, उदयपुर के प्रदेश अध्यक्ष एवं साक्षात्कार तथा प्रतियोगी परीक्षा विशेषज्ञ डॉ. एच. आर. दवे के निर्देशन में प्रतियोगी परीक्षाओं के साक्षात्कार में सफलता हेतु चलाए जा रहे निः शुल्क प्रशिक्षण शिविरों का रंग अब दिखाई देने लगा है जिसमें हाल ही मेवाड़ की बेटी तथा मूल खेरोदा गांव निवासी डॉ.मानसी व्यास ने राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉलेज शिक्षा) परीक्षा -2024 के जूलॉजी विषय में साक्षात्कार पश्चात घोषित परिणाम की सफल कैंडिडेट्स की मेरिट सूची में 3 री रैंक प्राप्त कर उदयपुर संभाग को गौरवान्वित किया है। विप्र शिक्षा,रोजगार एवं प्रतियोगी परीक्षा प्रकोष्ठ, उदयपुर एवं साक्षात्कार विशेषज्ञ डॉ. एच. आर. दवे ने बताया कि आर.ए.एस -2023 के परीक्षा परिणाम में 13 अभ्यर्थियों का फाइनल सलेक्शन हुआ है। विप्र फाउंडेशन द्वारा प्रशासनिकअधिकारियों, इंटरव्यू एक्सपर्ट्स एवं शिक्षाविदों की टीम के मार्गदर्शन मे एवं सहयोग से सभी प्रकार के साक्षात्कार की निःशुल्क तैयारी करवाई जाती है।
सामाजिक समरसता के तहत सर्व समाज के प्रतियोगी परीक्षार्थियो एवं संकाय के चयन हेतु अभिभावकों को भी निःशुल्क काउंसलिंग एवं परामर्श गत कई वर्षो से उपलब्ध करवाई जा रही है। दवे ने बताया कि
आगामी 01 दिसम्बर से शुरु होंने वाले
आर.ए.एस-2024 के मॉक इंटरव्यू की तैयारी की कक्षाएँ, कृषि अधिकारी एवं कॉलेज सहायक प्रोफेसर के शेष रहे विषयों एवं कॉलेज लाइब्रेरियन के साक्षात्कार की तैयारी भी 19 नवम्बर से निरंतर निःशुल्क करवाई जा रही है। असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉलेज शिक्षा) परीक्षा -2024 के जूलॉजी विषय में 3 रे स्थान पर सफल रही डॉ. मानसी ने इस सफलता का श्रेय अपने पिता भरत व्यास एवं माता मंजू और विप्र फाउंडेशन को देते हुए बताया कि उसने साक्षात्कार की तैयारी विप्र फाउंडेशन के प्रकल्प- शिक्षा,रोजगार एवं प्रतियोगी परीक्षा प्रकोष्ठ, उदयपुर के प्रदेश अध्यक्ष व साक्षात्कार एवं प्रतियोगी परीक्षा विशेषज्ञ डॉ. एच. आर. दवे के निर्देशन में की थी। डॉ. मानसी ने डॉ. एच. आर. दवे का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उनके द्वारा दिया गया मॉक इंटरव्यू प्रशिक्षण मेरी संपूर्ण चयन यात्रा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। यहाँ से प्राप्त मार्गदर्शन ने न केवल मेरे उत्तर देने के तरीके को बेहतर बनाया, बल्कि मेरी सोच की दिशा और समग्र संवाद क्षमता को भी सुदृढ़ किया। प्रत्येक सत्र अत्यंत व्यावहारिक रहा, जिसमें संभावित प्रश्नों पर सार्थक चर्चा और विस्तृत फीडबैक प्रदान किया गया। इससे मुझे यह स्पष्ट समझ मिली कि मुझे किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है और मैं अपनी क्षमताओं को किस प्रकार प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकती हूँ।