
उदयपुर, । उदयपुर संभाग के सहकारी बैंकों तथा सहकारिता विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक दी उदयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रतापनगर स्थित प्रधान कार्यालय सभागार में दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेषक संजय पाठक की अध्यक्षता में हुई।
बैंठक से पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मद्देनजर बैंक प्रधान कार्यालय के बाहर शीतल जल प्याउ का उद्घाटन शीर्ष बैंक प्रबन्ध निदेषक तथा संभाग की अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्रीमती गुंजन चौबे द्वारा किया गया। बैंठक के प्रारंभ में उदयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबन्ध निदेषक अनिमेष पुरोहित ने गत वित्तीय वर्ष की उपलब्धियों का संक्षिप्त परिचय दिया तथा पैक्स कम्प्यूटराईजेषन योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 4 समितियों को प्रषस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उद्घाटन सत्र के दौरान ही तीन समितियों को माइक्रो ए.टी.एम. का वितरण किया गया। तीन काष्तकारों को गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1 लाख रूपए के सांकेतिक चैक भी वितरित किए गए।
श्री पाठक ने संभाग के सभी सहकारी बैंकों के बिजनेस पेरामीटर्स की समीक्षा करते हुए एनपीए की राषि को न्यूनतम करने पर तथा अल्पकालीन ऋण के अतिरिक्त दीर्घकालीन कृषि एवं अकृषि ऋण वितरित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान सहकार से समृद्धि की सभी 54 पहलांे पर विभाग की सभी संस्थाओं को कार्ययोजना बना कर कार्य करना चाहिए। बजट घोषणा के अन्तर्गत गोदाम निर्माण करवाकर समितियों की भंडारण क्षमता में वृद्धि की जाए। साथ ही साथ व्यवस्थापकों को अन्य व्यवसाय अपना कर समिति की वित्तीय सक्षमता को सुदृढ करने के लिए भी प्रेरित किया जाए।
श्री पाठक ने पैक्स कम्प्यूटराईजेषन योजना पर चर्चा करते हुए गो-लाईव से शेष रही सभी समितियों को इसी माह के अन्त तक गो-लाईव करने हेतु निर्देशित किया। क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी आषुतोष भट्ट ने संभाग की समितियों की ऑडिट की अद्यतन प्रगति से अवगत करवाया। श्री पाठक ने प्रगति पर संतोष जाहिर करते हुए वर्ष 2024-25 की ऑडिट नियमानुसार प्रस्ताव लेने हेतु सुझाव दिया। बैठक में उदयपुर संभाग के सभी सहकारी बैकों के प्रबंध निदेषक, जिला ईकाईयों के उप रजिस्ट्रार, विषेष लेखा परीक्षक एवं डेयरी पदाधिकारी उपस्थित रहे। अन्त में केन्द्रीय सहकारी बैक के प्रबन्ध निदेषक अनिमेष पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ धर्मेष मोटवानी ने किया।