हिरणमगरी-सेक्टर नं. 3.- महावीर भवन में हुआ आयोजन

By :  vijay
Update: 2025-06-15 17:52 GMT
हिरणमगरी-सेक्टर नं. 3.- महावीर भवन में हुआ आयोजन
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उदयपुर, । जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वर महाराज ने श्री शांतिनाथ जैन संघ- सेक्टर नंबर 3 हिरणमगरी- उदयपुर में स्थित महावीर भवन में आयोजित धर्मसभा को प्रवचन देते हुए कहा कि जीवन जीने के लिए हर व्यक्ति को भोजन और पानी की आवश्यकता रहती है। परंतु भोजन और पानी की मात्रा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन जरूरी होता है।

ठंडी के दिनों में मौसम ठंडा होता है इसलिए व्यक्ति को भोजन की अपेक्षा पानी की मात्रा कम चाहिए। गर्मी के दिनों में सूर्य के ताप के कारण भोजन की अपेक्षा पानी की मात्रा ज्यादा चाहिए। परंतु वर्षा ऋतु में वातावरण में नमी ज्यादा होने से शरीर की जठराग्नि भी मंद हो जाती है। अतः वर्षा ऋतु में भोजन और पानी की मात्रा कम ही चाहिए। अतः वर्षा ऋतु को विविध तपश्चर्या के माध्यम से शरीर के साथ आत्मिक स्वस्थता पाने का प्रयत्न करना चाहिए।.

जैसे 500 कि.मी. के सफर में व्यक्ति अपनी मोटरकार में रास्ते में आने वाले सभी पेट्रोल पंप में पेट्रोल नहीं भरते है। एक बार टंकी भरने पर रास्ता आसानी से पार हो सकता है। वैसे ही शरीर रुपी गाडी में दिनभर में एकबार पर्याप्त मात्रा में आहार लेना कापी है। बार-बार भोजन करने से शरीर में भी अस्वस्थता रहती है और आत्मा को भी नुकसान होता है।

इस वर्ष मालदास स्ट्रीट में दि.9 जुलाई से 39 एकासना एवं 3 आयंबिल तप के द्‌वारा 45 आगमतप का आयोजन किया गया है।

कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया ने बताया कि जैन श्रावक समिति अध्यक्ष आनन्दीलाल बम्बोरिया, भूपाल सिंह दलाल, जीवन सिंह कंठालिया, भवरलाल करणपुरिया, जसवंतसिंह सुराणा समस्त कार्यकारिणी सदस्य आदि भी उपस्थित रहे।

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