भागवत कथा में सभी भक्तों ने विमान हादसे में मृत लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की

उदयपुर, । शहर के मंशापूर्ण गजानंद मंदिर परिसर, महाराणा प्रताप कॉलोनी,गवरी चौक, सेक्टर 13 में पुष्कर दास महाराज के द्वारा चल रही संगीतमय भागवत कथा में छठे दिन अहमदाबाद विमान हादसे में मृत लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महाराज एवं कथा में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने 2 मिनिट का मौन रखा । महाराज ने कहा विमान हादसे में सब कुछ नष्ट हुआ परन्तु श्रीमद भगवद गीता ग्रन्थ का एक भी पन्ना नहीं जला। ये सबसे बड़ा चमत्कार है, भगवद गीता स्वयं भगवान श्री कृष्ण का वांग्मय स्वरूप है। कथा को आगे बढ़ाते हुए महाराज ने कहा हरि कृपा बिना संत नहीं मिलते। संत ओर सत्संग मिल जाए मानो परमात्मा मिल गया। परमात्मा आनंद स्वरूप है द्य इसलिए कथा में आनंद आता हे तो स्वयं परमात्मा आते है। परमात्मा भाव को देखते है। नंद का मतलब जो दूसरों को आनंद दे। यशोदा का मतलब काम खुद करे और यश दूसरों को देवे। आगे कहा नंद बाबा के घर जब परमानंद आया तो उन्होंने सब कुछ लुटाया। क्यों की उनके घर सच्चिदानंद स्वरूप खुद ईश्वर ने जन्म लिया द्य परमात्मा आनंद स्वरूप है, हमारे घट में भी आनंद स्वरूप ईश्वर का जन्म होना चाहिए। कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा यशोदा मैया ने महंगे हार,हीरे मोती लुटाए क्यों कि ईश्वर के सामने ये इनकी कोई कीमत नहीं है। आगे पूतना के वध का वर्णन किया। शकटासुर को बालक कृष्ण ने मारा द्य कृष्ण ने गोपियों के कोमल मन रूपी मक्खन को चुराया है दूध के मक्खन को नहीं, कृष्ण ने मटकी फोड़ी थी जिस जीवात्मा के सिर पर अहंकार रूपी पाप की मटकी फोड़ी थी द्य चीरहरण लीला में साड़ी,कपड़े का चीर नहीं बल्कि वासना का चीर हरण किया । अंत में वि_ल वैष्णव ने बताया 7 दिवसीय कथा की पूर्णाहुति शनिवार प्रातः: 10 से 1 बजे मध्य महाआरती के साथ होगी ।