स्वामित्व योजना के तहत उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टी पार्सल चिन्हित
उदयपुर। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत उदयपुर जिले की मावली, भीण्डर, कुराबड़ एवं वल्लभनगर पंचायत समितियों की विभिन्न ग्राम पंचायतों में मेप-2 (मेप-2) के माध्यम से ग्रामीण आबादी क्षेत्रों की संपत्तियों का सर्वेक्षण कर प्रॉपर्टी पार्सल तैयार कर लिए गए हैं। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत अब तक जिन ग्रामीणों को उनकी संपत्तियों पर अधिकार संबंधी पट्टे (अधिकार पत्र) जारी नहीं हुए हैं, वे संबंधित ग्राम पंचायत कार्यालय में अनिवार्य रूप से आवेदन प्रस्तुत करें। स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन तकनीक से संपत्तियों का सटीक नक्शा तैयार किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का कानूनी मालिकाना हक प्रदान किया जा सके। यह पहल न केवल संपत्ति विवादों को कम करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी।
क्या है स्वामित्व योजना?
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों का कानूनी अधिकार पत्र, पट्टा (च्तवचमतजल ब्ंतक) प्रदान करना। इस योजना के अंतर्गत ड्रोन सर्वेक्षण और जियो-मैपिंग तकनीक से ग्राम स्तर पर हर संपत्ति को चिन्हित किया जाता है।
स्वामित्व योजना के लाभ
ग्रामीणों को उनकी संपत्ति पर कानूनी अधिकार प्राप्त होता है,संपत्ति का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध हो जाता है। बैंक से ऋण प्राप्त करना आसान होता है। संपत्ति विवादों की संभावना कम होती है। सीईओ डाबी ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे समय रहते आवेदन करें और योजना का लाभ उठाएं।