सेवा और संरक्षण से जीवन में समृद्धि और शांति की प्राप्ति- मणि महेश चेतन्य

Update: 2024-09-21 13:08 GMT

शाहपुरा। श्री शिव शक्ति गौशाला अखाड़ा समिति के तत्वावधान में चल रहे गौ करूणा महोत्सव के तहत तीसरे दिन की गौकथा का आयोजन गौभक्तों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस मौके पर गौसेवा का संकल्प भी पारित किया गया, जिसमें भक्तों ने गौशाला और गायों की सेवा में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाने का वादा किया।

इस अवसर पर शाहपुरा व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष रतनलाल झंवर, गौशाला अध्यक्ष गोवर्धन सिंह राणावत, राशन विक्रेता नियोजक संघ के जिला अध्यक्ष भंवरलाल कुमावत, उप सरपंच जीवराज गुर्जर और गोविंद सिंह राणावत ने कथा वाचक मणि महेश चेतन्य महाराज का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत गौपूजन से की गई, इसके बाद कथा की आरती और वंदना भी की गई।

कथा वाचक मणि महेश चेतन्य महाराज, जो पशुपतिनाथ चेतन्य आश्रम, मंदसौर से आए थे, ने गौकथा के माध्यम से गाय की महत्वता का वर्णन किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि गाय न केवल हमारी संस्कृति और धर्म का अभिन्न अंग है, बल्कि इसकी सेवा और संरक्षण से जीवन में समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। महाराज ने गायों की सेवा को धर्म और पुण्य का सर्वोत्तम मार्ग बताते हुए गौशाला में दान और सेवा को प्राथमिकता देने की अपील की।

कथा के शुभारंभ पर गौपूजन का विशेष आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी गौभक्तों ने भाग लिया। गौपूजन के पश्चात कथा की आरती की गई, जिसमें प्रमुख श्रद्धालुओं ने महाराज के साथ मिलकर गौ माता की वंदना की। इस आरती के दौरान माहौल अत्यंत भक्तिमय हो गया, और श्रद्धालुओं ने पूरे समर्पण के साथ गौसेवा का संकल्प लिया।

गौकथा के इस आयोजन में शाहपुरा के विभिन्न समुदायों के लोग उपस्थित थे। सभी ने एकजुट होकर गौसेवा के महत्व पर जोर दिया और गौशाला के विकास में अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया। रतनलाल झंवर, भंवरलाल कुमावत और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने इस अवसर पर गौशाला और गायों की सेवा के प्रति समाज की जिम्मेदारी को रेखांकित किया। गौकथा के अंत में गौभक्तों ने गौशाला में सेवा और दान का संकल्प लिया। समिति के पदाधिकारियों ने भी गौशाला के संचालन और वहां की गायों की देखरेख के लिए आवश्यक सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। गौशाला अध्यक्ष गोवर्धन सिंह राणावत ने कहा कि शाहपुरा की इस गौशाला में गायों की देखभाल और उनकी सेवा के लिए समाज के हर वर्ग से योगदान की आवश्यकता है, और इस महोत्सव के माध्यम से यह उद्देश्य और अधिक सशक्त हुआ है।

गाय के बछड़े के साथ कथा का अद्भुत दृश्य-

कथा के दौरान एक विशेष दृश्य देखने को मिला, जब महाराज ने गाय के बछड़े को अपनी गोद में लेकर कथा का वाचन किया। यह नजारा श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक था। बछड़ा शांतिपूर्वक कथा सुनता रहा, जिससे वहां मौजूद लोगों को एक गहरे आध्यात्मिक अनुभव की अनुभूति हुई। इस अद्भुत दृश्य ने सभी श्रद्धालुओं का मन मोह लिया और कथा का महत्व और भी बढ़ा दिया।

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