विश्व जल दिवस पर ''जल बचाइये भविष्य संवारिये" पर चर्चा

Update: 2025-03-22 08:01 GMT

शाहपुरा। राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के सामुदायिक जागरूकता जन सहभागिता कार्यक्रम के तहत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय तेनाल गेट मैं विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम किया गया कार्यक्रम में विश्व जल दिवस पर बालिकाओं को जल बचाने व भविष्य संवारने के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम में सामाजिक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह राणावत ने बताया कि विश्व जल दिवस 2025 का विषय 'ग्लेशियर संरक्षण' है। ग्लेशियर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं - उनका पिघला हुआ पानी पेयजल, कृषि, उद्योग, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक है।

भविष्य के लिए जमे हुए जल संसाधनों का संरक्षण तेजी से पिघलते ग्लेशियरों के कारण जल प्रवाह में अनिश्चितता उत्पन्न हो रही है, जिसका लोगों और ग्रह पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।कार्बन उत्सर्जन में वैश्विक कटौती तथा सिकुड़ते ग्लेशियरों के अनुकूलन के लिए स्थानीय रणनीतियां आवश्यक हैं। इस विश्व जल दिवस पर, हमें जलवायु परिवर्तन और वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए ग्लेशियर संरक्षण को अपनी योजनाओं के केंद्र में रखने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

ग्लेशियर पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से पिघल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता जा रहा है, हमारी जमी हुई दुनिया सिकुड़ती जा रही है, जिससे जल चक्र और भी अप्रत्याशित और चरम होता जा रहा है।

हिमनदों के पीछे हटने से तबाही का खतरा है। अरबों लोगों के लिए पिघले पानी का प्रवाह बदल रहा है, जिससे बाढ़, सूखा, भूस्खलन और समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंच रहा है।

ग्लेशियर संरक्षण एक अस्तित्व की रणनीति है। हमें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और लोगों और ग्रह के लिए पिघले पानी का अधिक टिकाऊ तरीके से प्रबंधन करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। राणावत ने बताया कि जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं "जल है तो कल है" जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। जल हमें प्रकृति के द्वारा दिया गया है तो हमें इसका सम्मान करना चाहिए न कि इसका व्यर्थ में बर्बाद करना चाहिए। मनुष्य, जानवरों, पेड़ पौधे सभी के जीवन में जल का उपयोग होता है, जल के बिना जीवन असंभव है। इसीलिए ''पानी बचाने का करो जतन, क्योंकि पानी है बहुमूल्य रतन'' साथी छात्राओं को जल संरक्षण की शपथ दिलाई ने इस कार्यक्रम में विद्यालय का स्टॉफ उपस्थित रहा।

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