जल भराव वाले खेतो का निरक्षण कर किसानों को दिया उचित मार्गदर्शन

Update: 2025-08-01 11:08 GMT

शक्करगढ़ |क्षेत्र की बाकरा पंचायत में शुक्रवार को सहायक कृषि अधिकारी अमित जागेटिया सहित कृषि विभाग के कर्मचारियों ने उन खेतो का निरीक्षण किया जहा पानी भर गया हे जिससे फसलों को नुकसान हुआ है विभाग के कर्मचारियों ने नुकसान का आंकलन किया साथ ही किसानों को आगे की कार्यवाही के लिय सलाह दी जागेटिया ने जानकारी देते हुए बताया की किसानों को फसल को बचाने और आगे के नुकसान को कम करने के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी

फसलों से पानी निकलना ,फसल की देखभाल: फसलों को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए उपाय करना. पुनर्वासः यदि फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं, तो अधिकारियों द्वारा किसानों को पुनर्वास और वैकल्पिक फसलें उगाने में मदद की जा सकती हजलमग्न फसलों के लिए जोखिमः

जलमग्न फसलें कई चुनौतियों का सामना करती हैं, जिनमें शामिल हैं:

ऑक्सीजन की कमीः

पानी में डूबे रहने से पौधों की जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे वे मर सकती हैं.

बीमारियों और कीटों का खतराः

जलभराव से बीमारियों और कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है.

पोषक तत्वों की कमी:

पानी में डूबे रहने से मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे फसलें कमजोर हो सकती हैं.

कृषि परवेक्षक मस्तराम मीना ने बताया की किसान प्रधान मंत्री फसल बीमा करवाए इसकी अंतिम तारीख 15 अगस्त हे साथ ही टोल फ्री नबर 14447 पर शिकायत कर अपनी फसल खराबा की सूचना दे इस दौरान

कृषि पर्यवेक्षक अंजली मीना , राजेश कुमार , मोहसिन बैग उपस्थित थे

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