पाली में मेलों के विरोध में व्यापारियों का आंदोलन तेज, भीलवाड़ा में भी उठ सकती है आवाज
भीलवाड़ा पाली। पाली शहर में लगातार लगने वाले मेलों से बाजार की ग्राहकी प्रभावित होने से नाराज व्यापारियों का विरोध अब और तेज हो गया है। सोमवार को व्यापारियों ने मुख्य बाजार दोपहर 12 बजे तक बंद रखकर प्रदर्शन किया और जुलूस निकालकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में व्यापारियों ने विस्तार से बताया कि किस तरह शहर में लगने वाले मेलों से न केवल उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पाली के इस आंदोलन का असर अब भीलवाड़ा में भी दिखाई देने लगा है, जहां व्यापारी वर्ग भी मेलों से परेशान होकर आंदोलन की रणनीति बनाने पर विचार कर रहा है।
पाली शहर के धानमंडी चौक में सुबह नौ बजे से व्यापारी एकत्रित होने लगे। यहां व्यापारियों ने कहा कि पूरे शहर में रेडीमेड, कटलरी, कॉस्मेटिक, फुटवियर, साड़ी, मोबाइल, किराणा सहित विभिन्न व्यवसायों की करीब पांच हजार स्थायी दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों के माध्यम से हजारों परिवारों की रोजी रोटी चलती है। इसके बावजूद शहर के अलग अलग इलाकों में मनोरंजन के नाम पर मेलों का आयोजन किया जाता है, जहां बिना किसी कर का भुगतान किए सामान बेचा जाता है।
व्यापारियों ने ज्ञापन में बताया कि बाजार के व्यापारी समय पर जीएसटी और अन्य सभी करों का भुगतान करते हैं, जबकि मेलों में दुकान लगाने वाले न तो जीएसटी देते हैं और न ही किसी प्रकार का अन्य कर चुकाते हैं। इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही कर चुकाने वाले व्यापारियों के साथ यह सीधा अन्याय है।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि मेलों में कम गुणवत्ता की सामग्री बेची जाती है। सेल और सस्ते सामान के नाम पर ग्राहकों को ऐसा माल दिया जाता है, जो टिकाऊ नहीं होता। इससे ग्राहकों का भरोसा भी बाजार से उठने लगा है और स्थायी दुकानों की छवि खराब हो रही है।
व्यापारियों ने यह मुद्दा भी उठाया कि मेलों में खाने पीने की स्टॉल बिना किसी लाइसेंस के चलाई जाती हैं। इन स्टॉलों पर बिकने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की कोई जांच नहीं होती, जिससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके अलावा मेलों में लगाए जाने वाले झूले और मनोरंजन के साधन भी बिना सुरक्षा मानकों के संचालित किए जाते हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
धानमंडी चौक से व्यापारियों ने नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला, जो बाइसी बाजार, सर्राफा बाजार, उदयपुरिया बाजार, राणा प्रताप चौक, रुई कटला, सोमनाथ, धौला चौतरा और सूरजपोल होते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंचा। कलक्ट्रेट के बाहर व्यापारियों ने प्रदर्शन किया और कुछ देर के लिए सड़क पर बैठकर रोष जताया।
व्यापारियों ने कहा कि मेलों के कारण उन्हें लाखों रुपये का सीधा नुकसान हो रहा है। ग्राहकी घटने से दुकानों का खर्च निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। इसके बावजूद व्यापारी हमेशा प्रशासन के साथ सहयोग करते हैं और शहर के विकास में भागीदारी निभाते हैं।
ज्ञापन सौंपने के बाद व्यापारियों ने बताया कि जिला कलक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया है कि व्यापारियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस दौरान विजयराज सोनी, दौलाराम पटेल सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।
पाली में हुए इस विरोध प्रदर्शन के बाद भीलवाड़ा के व्यापारी वर्ग में भी हलचल तेज हो गई है। भीलवाड़ा के व्यापारियों का कहना है कि वहां भी मेलों के कारण व्यापार के साथ साथ यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई जगह मेल ऐसे स्थानों पर लगाए जाते हैं, जहां पहले से ही भीड़ और जाम की समस्या रहती है। साथ ही कई मेलों में सुरक्षा और अग्निशमन के पुख्ता इंतजाम नहीं होते, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं।
व्यापारियों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने इस पर रोक नहीं लगाई, तो भीलवाड़ा में भी पाली की तर्ज पर बड़ा आंदोलन किया जा सकता है। फिलहाल व्यापारी संगठन इस मुद्दे पर आपसी चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही सामूहिक निर्णय लेकर अपनी मांग प्रशासन के सामने रखने की तैयारी में हैं।
