तस्करी के आरोप में चित्तौडग़ढ़ के मां-बेटे सहित तीन तस्करों को 10-10 साल की सजा
भीलवाड़ा बीएचएन। मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में चित्तौडग़ढ़ के मां-बेटे सहित तीन आरोपितों को दस-दस साल की कैद और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। यह अहम फैसला, विशिष्ट न्यायाधीश (एनडीपीएस प्रकरण) जगदीशप्रसाद शर्मा ने सुनाया।
प्रकरण के अनुसार हमीरगढ़ थाने के तत्कालीन प्रभारी मूलचंद वर्मा चार मार्च 2020 को चित्तौडग़ढ़ हाइवे स्थित स्वरुपगंज चौराहे पर नाकाबंदी कर रहे थे। इस दौरान भीलवाड़ा की ओर से एक स्वीफ्ट कार आई, जिसमें चालक के साथ ही पास वाली सीट पर एक व्यक्ति और पिछली सीट पर पर एक महिला बैठी थी। पुलिस ने कार को रोकने का चालक को इशारा किया तो चालक कार को भगा ले गया। शंका होने पर कार का पीछा किया और बनास नदी पुलिया पर कार को रुकवा लिया। पूछताछ करने पर कार चालक ने खुद को कुम्हारों का मोहल्ला, भदेसर हाल बीज गोदाम के पीछे पंचवटी, प्रताप नगर चित्तौडग़ढ़, उसके पास वाली सीट पर बैठे व्यक्ति ने सुराना पेट्रोल पंप के पीछे स्टेशन रोड़, चित्तौडग़ढ़ हाल बीज गोदाम के पीछे पंचवटी प्रताप नगर निवासी फिरोज खान पुत्र इकबाल खान व पीछे बैठी महिला ने खुद को (फिरोज की मां) स्टेशन रोड निवासी जरीना बेगम पत्नी इकबाल खान बताया। शंका के आधार पर कार को चैक किया तो पुलिस को कार में चालक सीट के पीछे कवर बैग में प्रथम दृष्टया 68 ग्राम एमडीए (मेथालीन ड्राईऑक्सी एम्फीटामाइन) मिला, जिसे पुलिस ने जब्त कर तीनों आरोपितों को 8/22 एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज कर लिया। केस के अनुसंधान के बाद पुलिस ने मोहसीन, फिरोज व इसकी मां जरीना के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। साथ ही जब्त मादक पदार्थ एफएसएल जांच में में मेथान फेटामीन पाया गया। उधर, न्यायालय में ट्रायल के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजक रामस्वरुप गुर्जर ने 13 गावाह व 77 दस्तावेज पेश कर तीनों पर लगे आरोप सिद्ध करवाये। न्यायालय ने केस की सुनवाई पूरी होने पर तीनों ही आरोपितों को 10-10 साल के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्मान्े से दंडित किया गया।