नकली दवा कारोबारियों पर एसटीएफ का तमाचा – 2.43 करोड़ की खेप जब्त, 1 करोड़ की रिश्वत के साथ मालिक गिरफ्तार
आगरा। ज़हर बनकर बिक रही नकली दवाओं के कारोबार पर एसटीएफ और औषधि विभाग ने जोरदार चोट मारी है। फव्वारा स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी और हेमा मेडिकल स्टोर समेत चार गोदामों पर छापे में ढाई करोड़ से ज्यादा की नकली दवाएं बरामद हुईं। ये चर्चा भी हे कि दवा राजस्थान भी आती थी !
रिश्वत का भी खेल – नोटो का बैग लेकर पहुंचा मालिक
कार्रवाई रोकने के लिए हेमा मेडिकल स्टोर का संचालक हिमांशु अग्रवाल टीम को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने पहुंचा। वह 500-500 के नोटों से भरा बैग लेकर आया था और दबाव डालते हुए बोला –
“जरूरत पड़े तो दोगुनी रकम भी दूंगा।”
लेकिन उसकी चालाकी नहीं चली। एसटीएफ ने मौके पर ही उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
जिंदगियों से खिलवाड़ का धंधा
हेमा मेडिको के गोदाम से अकेले 2.43 करोड़ की नकली दवाएं पकड़ी गईं। इससे पहले शुक्रवार को 80 लाख की खेप जब्त हुई थी। जांच टीम का कहना है कि इस जाल में और भी लोग जुड़े हैं, जो छापे की भनक लगते ही भूमिगत हो गए।
मुख्यमंत्री तक पहुंची थी शिकायत
चार नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाओं की बिक्री की शिकायत सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंची थी। इसके बाद ही एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश और एफएसडीए आयुक्त राजेश कुमार की अगुवाई में टीम बनी और फव्वारा, सैयद गली व मोती कटरा के गोदामों पर ताबड़तोड़ छापे मारे गए।
हड़कंप और अगली कार्रवाई
शनिवार को टीम ने आगरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, मथुरा, कानपुर, मेरठ और लखनऊ के औषधि विभाग अधिकारियों को तलब किया। देर रात तक तीन और मुकदमे दर्ज किए गए।
यह मामला केवल आगरा नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र पर करारा तमाचा है। सवाल अब ये है कि इतने बड़े फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल है?
और यह दवाई यूपी में जा रही थी या राजस्थान और आसपास के प्रदेशों में भेजी जा रही थी। खबर हे कि ट्रेवल्स बीडीओ से पार्सल से नकली दवाएं राजस्थान में कई जिलों में पहुंचने की भी चर्चा हे। कुछ निजी अस्पताल भी इससे जुड़े हो सकते हे , लेकिन वास्तविकता जांच के बाद ही सामने आएगी .
