बसंती पंचमी पर प्रयागराज महाकुंभ में अमृत स्नान , व्यवस्था से खुश हुआ संत समाज

Update: 2025-02-03 02:32 GMT

प्रयागराज। बसंत पंचमी के अवसर पर प्रयागराज में जारी महाकुंभ में आज तीसरा अमृत स्नान हो रहा है। मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के बाद इस बार व्यवस्था में कोई कमी नहीं है।





 


वसंत पंचमी पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान  है। हाथों में तलवार-गदा, डमरू और शंख। शरीर पर भभूत। आंखों पर काला चश्मा। घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं।

सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत संगम पहुंचे। फिर सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने अमृत स्नान किया। एक-एक करके 13 अखाड़े स्नान करेंगे।

साधुओं का आशीर्वाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर हैं। नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगा रहे हैं। 20 से ज्यादा देशों के लोग भी अमृत स्नान देखने के लिए संगम पहुंचे हैं। हेलिकॉप्टर से संगम पर पुष्प वर्षा की।




 वसंत पंचमी पर तड़के 4 बजे तक 16.58 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। महाकुंभ का आज 22वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 34.97 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि आज 3 से 4 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा सकते हैं।


संगम जाने वाले सभी रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। प्रयागराज जंक्शन से 8 से 10 किमी पैदल चलकर लोग संगम पहुंच रहे हैं। भीड़ देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को बंद कर दिया। मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे हैं।

अमृत स्नान की शुरुआत में अखाड़ों ने बारी-बारी से स्नान किया। स्नान के बाद संतों ने व्यवस्था को लेकर तारीफ की। एक नागा साधु ने कहा, आज की व्यवस्थाएं पिछले दो अमृत स्नानों से बेहतर थीं। आज का स्नान हम संतों के लिए सबसे बड़ा स्नान था।

किन्नर अखारा की आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा, हम सभी इस शुभ दिन पर बहुत खुश हैं। किन्नर अखाड़ा हमेशा से एकजुट था और हम एकजुट रहेंगे।

Similar News