भीलवाड़ा (हलचल)। सांप पकड़ने में माहिर रामपाल की जान उसी सांप ने ले ली, जिनसे बचाने के लिए वह बरसों से लोगों की मदद करता आया था। लेबर कॉलोनी निवासी रामपाल हर समय तैयार रहते थे—कभी खेत में, कभी घर-दुकान पर सांप की सूचना मिलते ही वे तत्काल पहुंच जाते थे। कई बार जोखिम उठाकर उन्होंने लोगों की जान बचाई।
जानकारी के अनुसार, रविवार रात रामपाल सांप पकड़ने नहीं बल्कि बोरडा माताजी के दर्शन के लिए निकले थे। रास्ते में शौच के लिए रुके तो अचानक एक जहरीले सांप अंगूठे में डस लिया। उन्हें तत्काल महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन कुछ ही समय बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि कुछ माह पूर्व भी रामपाल को सांप ने डस लिया था, तब वह मौत के मुंह से बाल-बाल बचे थे। परंतु इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। रामपाल अपनी निडरता और सेवा भाव के कारण लोगों में खासे लोकप्रिय थे। गांव-शहर में कहीं भी सांप निकलने की सूचना मिलती तो लोग सबसे पहले रामपाल को याद करते थे।
रामपाल की असमय मृत्यु से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। लोगों का कहना है कि वह हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहते थे, आज उनकी अनुपस्थिति पर विश्वास करना कठिन है।
