भक्तिभाव के साथ बच्चों के लिए रेल, झूले और पार्क का अद्भुत संगम होगा सांवरिया हनुमान मंदिर
भीलवाड़ा (विजय गढ़वाल)।
उदयपुर रोड पर स्थित सांवरिया हनुमान मंदिर अब सिर्फ भक्ति का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि यह जल्द ही भीलवाड़ा का सबसे अनोखा धार्मिक और मनोरंजन स्थल बन जाएगा। यहां श्रद्धा, कला और आनंद—तीनों का संगम एक साथ दिखाई देगा। मंदिर परिसर में जहां हनुमान भक्ति की गूंज होगी, वहीं बच्चों के चेहरों पर रेल की छुक-छुक और झूलों की मस्ती मुस्कुराहट लाएगी।
🌿 मंदिर का नया स्वरूप — भक्ति और मनोरंजन का संगम
महंत बाबू गिरी महाराज के सानिध्य में मंदिर को भव्य और आधुनिक रूप देने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। परिसर में मिनी रेल, स्टील और लोहे के झूले, चकरी व रिप्स पट्टी बच्चों के आकर्षण का नया केंद्र बनेंगे। रेल को विशेष रूप से रेलवे टाउन बरेली से बनवाया जा रहा है, जबकि झूले अहमदाबाद और भीलवाड़ा में तैयार किए जा रहे हैं।
🏛 स्थापत्य और सौंदर्य में भी अनोखा
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नटराज सिंह ने बताया कि यह परिसर न सिर्फ आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि परिवारों के लिए एक शांतिपूर्ण और आनंददायक जगह भी बनेगा।
यहां तीन कलात्मक पत्थर की तोपें लगाई जा रही हैं, साथ ही अशोक चक्र भी स्थापत्य की शोभा बढ़ाएगा। 80 से अधिक बेंचों, शुद्ध पेयजल व्यवस्था और 24 घंटे भजन-संकीर्तन की सुविधा से भक्तों को अद्भुत अनुभव मिलेगा।
🕉 अद्वितीय हनुमान प्रतिमा का महत्व
मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी हनुमान प्रतिमा है। इस प्रतिमा को प्रयागराज ले जाकर गंगा जल से अभिषेक कराया गया, जिसके बाद इसे यहां स्थापित किया गया। अब यह प्रतिमा आस्था और चमत्कार का केंद्र बन चुकी है।
🌈 परिवारों के लिए नया आकर्षण केंद्र
भीलवाड़ा का यह पहला ऐसा मंदिर होगा, जहां भक्ति और बच्चों का मनोरंजन एक साथ मिलेगा। परिवार अब यहां न केवल पूजा-अर्चना के लिए, बल्कि बच्चों के साथ आनंदमय समय बिताने भी आएंगे।
स्थानीय श्रद्धालु मानते हैं कि आने वाले समय में सांवरिया हनुमान मंदिर, भीलवाड़ा की पहचान बनेगा — ठीक वैसे ही जैसे सांवलिया सेठ मंदिर (चित्तौड़गढ़) राजस्थान की आस्था का प्रतीक है।
🛕 “यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं रहेगा, बल्कि हर पीढ़ी के लिए आनंद और आस्था का संगम बनेगा।”
— महंत बाबू गिरी महाराज
