भीलवाड़ा नगर निगम में बड़ा खुलासा: पार्कों के रखरखाव के ठेके में फर्जी प्रमाण पत्र का खेल, कंपनी पर धोखाधड़ी केस की तैयारी
भीलवाड़ा विजय गढ़वाल।
नगर निगम के 150 से अधिक पार्कों के रखरखाव के लिए डाले गए टेंडर में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। अजमेर की भावना कंस्ट्रक्शन ने अनुभव प्रमाण पत्र के नाम पर ऐसा दस्तावेज पेश किया, जो जांच में पूरी तरह नकली निकला।
महापौर राकेश पाठक ने बताया कि कंपनी ने निविदा में अपना अनुभव साबित करने के लिए अजमेर यूआईटी का प्रमाण पत्र लगाया था। संदेह तब गहराया जब पता चला कि जिस तारीख का प्रमाण पत्र दिया गया था, उस समय अजमेर में यूआईटी अस्तित्व में थी ही नहीं, क्योंकि तब तक नगर विकास प्राधिकरण का गठन हो चुका था।
इस पर नगर निगम आयुक्त हेमाराम ने 2 दिसंबर को अजमेर विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर दस्तावेजों की सत्यता पूछी। सोमवार को आए जवाब में साफ हो गया कि—
**👉 प्रमाण पत्र फर्जी था।
👉 दिए गए डिस्पैच नंबर किसी और पत्र पर जारी हुए थे।
👉 कंपनी ने जो कार्यादेश प्रस्तुत किया, वह प्राधिकरण ने कभी जारी ही नहीं किया।**
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि
डिस्पैच नंबर — “यूआईटी अ/सा/2023/1605 दिनांक 11-7-2023”
और
कार्यादेश — “यूआईटी अ/सा/2022/1208 दिनांक 18-5-2022”
—दोनों ही फर्जी हैं। बताए गए नंबरों पर कोई और दस्तावेज जारी हुआ था।
अब निगम पूरी तैयारी में है कि भावना कंस्ट्रक्शन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि निगम में पार्कों के रखरखाव के लिए 19 नवंबर को इस कंपनी ने पाँच फर्मों ने टेंडर डाले थे।
