प्रशासन की सुस्ती से बढ़ा खतरा: भीलवाड़ा में प्रतिबंध के बावजूद जानलेवा चाइनीज मांझे की खुलेआम बिक्री
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भीलवाड़ा हलचल। शहर में प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे की अवैध बिक्री एक बार फिर तेजी पकड़ती नजर आ रही है। पतंगबाजी का मौसम शुरू होते ही जानलेवा कांच लेपित मांझा बाजारों में खुलेआम बिक रहा है। प्रशासन और नगर निगम की निष्क्रियता के चलते न तो दुकानदारों में कार्रवाई का डर है और न ही सप्लायरों पर कोई असर दिख रहा है।
शहर के कई इलाकों में चाइनीज मांझा नए नामों और अलग अलग पैकिंग में बेचा जा रहा है, जिससे आम लोग इसे पहचान भी नहीं पाते। हालात यह हैं कि कई दुकानों पर ग्राहक के ऑर्डर देने के कुछ ही समय में मांझा मंगवाने की व्यवस्था कर दी जाती है। कुछ दुकानदार तो बिना किसी झिझक के सीधे रोल थमा रहे हैं।
चाइनीज मांझा पहले भी कई गंभीर हादसों का कारण बन चुका है। बाइक सवारों, राहगीरों और बेजुबान पक्षियों के लिए यह डोर लगातार जानलेवा साबित हो रही है। इसके बावजूद अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही है।
बुधवार शाम पांसल रोड पर एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। चाइनीज मांझा दो पहिया वाहन में फंस गया, जिससे बाइक सवार की गर्दन कटने से बाल बाल बच गई। गनीमत रही कि वाहन की रफ्तार कम थी और समय रहते बाइक रोक ली गई, अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था।
जवाहर नगर लेबर कॉलोनी, साथ ही बापू नगर और आसपास के क्षेत्रों में भी छोटी मोटी दुकानों पर चाइनीज मांझा खुलेआम बिकने की शिकायतें सामने आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार सूचना देने के बावजूद न तो प्रशासन सक्रिय होता है और न ही नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की जाती है।
चाइनीज मांझे के कारण पक्षियों के घायल होने, मौत और वाहन चालकों की गर्दन कटने की घटनाएं सामने आती रही हैं। इन्हीं हादसों को देखते हुए इस मांझे पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन जमीनी स्तर पर यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आ रहा है।
शहरवासियों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन और नगर निगम इस जानलेवा मांझे की बिक्री पर कब तक सख्ती दिखाते हैं।
