राजस्थान में भूमि आवंटन पर बीजेपी सरकार का करारा प्रहार:: अब कौड़ियों के दाम पर नहीं मिलेगी जमीन

Update: 2025-08-24 06:50 GMT



जयपुर,  : राजस्थान में भाजपा सरकार ने भूमि आवंटन को लेकर नई नीति को मंजूरी दे दी है, जो सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्टों और निजी निवेशकों के लिए सस्ते दामों या मुफ्त में जमीन हासिल करने की उम्मीदों पर करारा प्रहार साबित होगी। नई नीति के तहत अब न तो कोई मंत्री और न ही कैबिनेट सब-कमेटी भूमि आवंटन का फैसला ले सकेगी। यह अधिकार अब पूरी तरह से मुख्यमंत्री के पास होगा।

नई नीति में पहली बार भूमि आवंटन के लिए स्पष्ट क्षेत्रफल सीमा और दरें निर्धारित की गई हैं। सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए निवेशकों को अधिकतम 40 प्रतिशत रियायती दर पर ही जमीन आवंटित की जाएगी। इसके लिए संबंधित अथॉरिटी को आवेदन करना होगा, और रियायत से संबंधित कोई भी बड़ा फैसला सरकार के पास जाएगा। नीति में सख्ती के साथ "कैंपिंग" की व्यवस्था भी की गई है, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो।पिछली कांग्रेस सरकार में कौड़ियों के दाम पर जमीन आवंटन के कई मामले सामने आए थे, जिसके बाद भाजपा सरकार ने इस नीति में कड़े प्रावधान लागू किए हैं। अब शैक्षणिक संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों को जमीन तभी आवंटित होगी, जब वे न्यूनतम निवेश की गारंटी देंगे।

यह नीति न केवल भूमि आवंटन में पारदर्शिता लाएगी, बल्कि उन संस्थाओं और निवेशकों पर भी नकेल कसेगी, जो कम कीमत पर जमीन हासिल करने की फिराक में थे। सरकार का यह कदम प्रदेश में सुशासन और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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