पुलिस में डिकॉय ऑपेरशन:: बजरी माफिया से मिलीभगत के आरोप में 5 SHO सस्पेंड , गुलाबपुरा सहित 6 को लाइन हाजिर किया

Update: 2025-12-22 18:33 GMT

 

भीलवाड़ा/जयपुर

राजस्थान में बजरी माफिया के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण में पुलिस अधिकारियों की कथित मिलीभगत को लेकर पुलिस मुख्यालय ने कड़ा एक्शन लिया है। चार जिलों के पांच थानों के SHO को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि पांच जिलों के छह थानों के SHO को लाइन हाजिर किया गया है।

पुलिस मुख्यालय की सतर्कता शाखा (विजिलेंस ब्रांच) ने 18 और 19 दिसंबर को राज्यभर में डिकॉय ऑपरेशन चलाया। इस दौरान ड्यूटी में गंभीर लापरवाही सामने आने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 11 विशेष टीमों ने विभिन्न जिलों में सीक्रेट तरीके से ऑपरेशन किया और थानों की गश्त व्यवस्था, नाकाबंदी और अवैध बजरी के परिवहन पर नजर रखी।

जांच में दोषी पाए जाने पर 21 दिसंबर को जयपुर (साउथ) के शिवदासपुरा थाना, टोंक के पीपलू और बरौनी थाना, अजमेर के पीसांगन थाना और धौलपुर के कोतवाली थाना के SHO को सस्पेंड किया गया। वहीं, भीलवाड़ा के गुलाबपुरा, कोटा के कुन्हाड़ी और नांता, दौसा के लालसोट, चित्तौड़गढ़ के पुलिस में डिकॉय ऑपेरशन:जोधपुर (वेस्ट) के लूणी थाने के SHO को लाइन हाजिर किया गया। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं।

डिकॉय ऑपरेशन में दोषी पाए गए 11 थानों के 15 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

एडीजी एस. सेंगाथिर ने कहा कि पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश में बजरी के अवैध कार्यों में किसी भी पुलिसकर्मी की मिलीभगत या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित जिलों के SP को दोषी कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले नवंबर महीने में भी सतर्कता शाखा ने व्यापक डिकॉय ऑपरेशन चलाया था, जिसमें FIR न दर्ज करना, शिकायतों में ढिलाई, महिला डेस्क पर संवेदनहीन व्यवहार, और पुलिस की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी जैसे बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखी गई थी।

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