सरकार ने यूआईटी का ई-2 प्लान किया निरस्त, 50 साल आगे की जरूरतों को ध्यान में रखकर नई योजना बनेगी

Update: 2025-11-24 16:15 GMT


 भूमि लैंड पुलिंग मॉडल, सभी कार्यालयों का स्थानांतरण और स्मार्ट सिटी विजन को केंद्र में रखकर तैयार होगी नई रूपरेखा

भीलवाड़ा शहर के विकास और न्यू भीलवाड़ा के निर्माण को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने यूआईटी के प्रस्तावित ई-2 प्लान को निरस्त कर दिया है। सरकार के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि ई-2 प्लान के निरस्तीकरण के बाद यूआईटी सचिव आगामी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करें।

इस विषय पर भीलवाड़ा के विधायक अशोक कोठारी पहले ही मुख्यमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री और शासन सचिव से मिलकर विस्तृत जानकारी दे चुके थे। सरकार ने अपने नए निर्देशों में वही बिंदु शामिल किए हैं, जिन पर विधायक ने लगातार सुझाव दिए थे। सबसे महत्वपूर्ण यह कि भूमि का उपयोग लैंड पुलिंग कॉन्सेप्ट के तहत किया जाए, ताकि व्यवस्थित और दीर्घकालिक योजना लागू हो सके।

सरकार ने निर्देश दिए हैं कि नई योजना का क्रियान्वयन इस प्रकार हो कि अगले 50 वर्षों की जरूरतों को बहुउद्देशीय दृष्टिकोण से पूरा किया जा सके। शहर में मौजूद सभी सरकारी कार्यालयों को एक साथ स्थानांतरित करने की बात भी कही गई है, ताकि सुरक्षित और सुव्यवस्थित शासन व्यवस्था विकसित हो सके।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉडल स्मार्ट सिटी कॉन्सेप्ट को पीपीपी मॉडल के जरिए न्यू भीलवाड़ा में साकार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी कारण सरकार ने इस नए प्लान को आधिकारिक रूप से न्यू भीलवाड़ा का नाम दिया है और यूआईटी सचिव को 15 दिनों के भीतर कंसल्टेंट नियुक्त कर रिपोर्ट नगरीय विकास विभाग को भेजने के निर्देश जारी किए हैं।

यह भी उल्लेखनीय है कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर खंडपीठ ने 27 अगस्त 2025 को संबंधित रिट याचिका पर सरकार को प्लान की पुनः समीक्षा के लिए आदेश दिया था। प्लान जारी होने के बाद विधायक अशोक कोठारी लगातार पत्राचार और मुलाकातों के माध्यम से प्लान की कमियों से सरकार को अवगत कराते रहे। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भीलवाड़ा एक प्रमुख औद्योगिक नगरी है और भूमि की कमी को देखते हुए 50 साल आगे की जरूरतों को ध्यान में रखकर न्यू भीलवाड़ा का विकास इसी योजना से संभव है।

सरकार द्वारा जारी नए निर्देशों में न्यू भीलवाड़ा की परिकल्पना जोड़कर विधायक कोठारी के सुझावों को जमीन पर उतारने की दिशा साफ दिख रही है। इससे आने वाले समय में भीलवाड़ा को आधुनिक, सुव्यवस्थित और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करने का रास्ता तैयार होगा।

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