भारत ने रचा इतिहास : अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरते शुभांशु शुक्ला, फ्लोरिडा से लॉन्च हुआ एक्सिओम-4 मिशन
नई दिल्ली। भारत अंतरिक्ष यात्रा में एक और ऐतिहासिक कदम रखा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। इससे पहले राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने थे। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजा गया है और इसकी लॉन्चिंग सफलतापूर्वक पूरी होती है। स्पेसएक्स अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी देता है—"एक्सिओम स्पेस का एक्सिओम-4 मिशन बुधवार को स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च हो चुका है। सभी सिस्टम सामान्य हैं और मौसम की अनुकूलता 90 प्रतिशत है।"
यह मिशन अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरता है। मिशन के लिए बुधवार सुबह 2:31 बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) का लक्ष्य निर्धारित किया गया। फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च होने के बाद चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर परिक्रमा प्रयोगशाला की ओर बढ़ा है। आईएसएस से लक्षित डॉकिंग का समय गुरुवार, 26 जून को सुबह करीब 7 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) तय किया गया है।
यह मिशन एक्सिओम स्पेस के वाणिज्यिक अंतरिक्ष कार्यक्रम का चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की ओर रवाना होता है। बीते कुछ हफ्तों में यह मिशन कई बार टला था, कभी मौसम के कारण तो कभी फाल्कन 9 रॉकेट में आई तकनीकी समस्याओं की वजह से। इन समस्याओं की पूरी समीक्षा और समाधान के बाद ही मिशन को हरी झंडी मिलती है।
चालक दल में इसरो का प्रतिनिधित्व कर रहे शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभाते हैं। उनके साथ नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड से ईएसए के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं। यह मिशन भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए मानव अंतरिक्ष यान अभियानों की वापसी का प्रतीक बनता है।
चालक दल स्पेस स्टेशन पर लगभग 14 दिन बिताता है। इस दौरान वे कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित खाद्य और पोषण विज्ञान से जुड़े उन्नत प्रयोगों का संचालन करते हैं।
