महाकुंभ,मौनी अमावस्या के लिए रात 8 बजे से शुरू होगा महास्नान..: 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान,अखाड़ा मार्ग सील,10 जिलों के DM-SP के हाथ कमान

Update: 2025-01-28 02:50 GMT

144 साल बाद आए महाकुंभ में सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर अमृत पान की उत्कंठा लेकर संगम की पावन धरा पर देश के गांव ढाणी, शहर ओर विदेशों से आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए  प्रयागराज में व्यापक प्रबंध किए गए हैं। लगभग 12 किमी के क्षेत्र में विकसित सभी 44 घाटों पर स्नान कराने की तैयारी पूरी है।

घाटों पर एसडीएम के साथ सीओ, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को भी लगाया गया है। संगम तट के घाटों के साथ ही ऐरावत घाट व अरैल घाट पर आइएएस अधिकारियों और एडीएम व एसडीएम रैंक के पीसीएस अधिकारियों को लगाया गया है। इसके अलावा प्रयागराज समेत इसके आसपास चारों ओर स्थित 10 जिलों के डीएम व एसपी को भी लगा दिया गया है।


महाकुंभ के इस मुख्य अमृत स्नान पर्व पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसके अनुसार ही प्रबंध किए गए हैं। दो दिन पहले से ही भारी भीड़ उमड़ने लगी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी संतों और कल्पवासियों तथा संस्थाओं के शिविर भर चुके हैं। रैन बसेरों में भी जगह नहीं है। लोगो ने रात खुले में  अमृत स्नान के लिए बिताई।

संगम से सड़क तक श्रद्धा का रेला; पहले ही लागू किया गया वनवे




 


मौनी अमावस्या का महास्नान बुधवार को है लेकिन दो दिन पहले ही स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ी। सोमवार को संगम से लेकर सड़क तक श्रद्धा का रेला उमड़ा। भीड़ बढ़ने पर पांटून पुलों से पैदल भी आवागमन रोक दिया गया। इस वजह से संगम के अलावा झूंसी जोन में ऐरावत घाट पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ रही।

शास्त्री पुल श्रद्धालुओं से भरा रहा। पैदल चलना भी भारी था। यह स्थिति अंदावा चौराहे तक रही। शहर में लोक सेवा आयोग चौराहे से संगम तक स्नानार्थियों का रेला चला आ रहा था। यह क्रम टूटने का नाम नहीं ले रहा था। इसी तरह की स्थिति संगम की तरफ जाने वाली अन्य सड़कों का भी रहा।

भीड़ बढ़ने की वजह से दिन में बालसन चौराहे से जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया था। स्नानार्थियों को जार्जटाउन, अल्लापुर, बक्शी बांध होते हुए संगम की तरफ भेजा गया। इस तरह के डायवर्जन जगह-जगह किए गए थे।

मौनी से पहले ही 15 करोड़ से अधिक लोग कर लेंगे स्नान

सरकार की ओर से महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ लोगों के स्नान करने की उम्मीद है। यह आंकड़ा छूता भी दिख रहा है। मेला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही स्नानार्थियों की कुल संख्या 15 करोड़ को पार कर जाने की उम्मीद है। रविवार तक 13.21 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे। सोमवार को भी एक करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। मौनी अमावस्या से पहले मंगलवार को भी एक करोड़ से अधिक लोगों के स्नान की संभावना है। ऐसे में मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही स्नानार्थियों की कुल संख्या 15 करोड़ को पार कर जाने की उम्मीद है।

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