नगर निगम राजस्व अधिकारी एसीबी की गिरफ्त में, फाइल आगे बढ़ाने के लिए मांगी 3 लाख की रिश्वत

Update: 2025-01-08 08:21 GMT


यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी का कामकाज आगे बढ़ाने के एवज में तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में एसीबी ने अलवर नगर निगम के राजस्व अधिकारी युवराज मीणा को मंगलवार रात जयपुर में विधानसभा गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने रिश्वत लेने के लिए एक प्राइवेट व्यक्ति का सहारा लिया था।

एसीबी के एएसपी अभिषेक पारीक ने बताया कि अलवर में यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी ने हाल ही में टेंडर लिया था लेकिन राजस्व अधिकारी युवराज मीणा ने कंपनी का कामकाज आगे बढ़ाने के एवज में 3 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। कंपनी के प्रतिनिधि ने इस संबंध में एसीबी को शिकायत दी थी। इसके बाद अधिकारी को रंगेहाथों पकड़ने के लिए बनाई गई योजना के तहत युवराज मीणा अपनी कार से विधानसभा गेट पहुंचा, जहां उसके साथ आए व्यक्ति ने रिश्वत ली। इसके बाद एसीबी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मीणा द्वारा भेजे गए व्यक्ति समेत सड़क के मोड़ पर कार में बैठे युवराज मीणा को भी रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

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गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने युवराज मीणा के जयपुर के आमेर स्थित घर और अलवर नगर निगम कार्यालय में सर्च ऑपरेशन चलाकर फाइलों और प्रॉपर्टी के दस्तावेज खंगाले। सवेरे 4 बजे तक चली इस कार्रवाई में एसीबी द्वारा कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

अलवर नगर निगम में होर्डिंग टेंडर को लेकर पहले से ही गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं। टेंडर अटकने के कारण नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होता था। रिश्वत का यह मामला सामने आने के बाद अधिकारियों का मानना है कि जांच में भ्रष्टाचार के कई अन्य मामले उजागर हो सकते हैं।एसीबी फिलहाल जब्त दस्तावेजों की जांच कर रही है। युवराज मीणा पर लगे आरोपों की तहकीकात के साथ अन्य संभावित गड़बड़ियों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

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