फैसला-: 10 साल पहले किया था जानलेवा हमला, अब मिली 10 साल की सजा, अदालत ने 47 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

By :  prem kumar
Update: 2024-10-15 12:03 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। 10 साल पहले एक व्यक्ति पर धारिये से जानलेवा हमला करने वाले आरोपित रामेश्वर गुर्जर को 10 साल की कठोर कैद के साथ ही 47 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। फैसला, अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ प्रकरण ) ने मंगलवार को सुनाया।

विशिष्ठ लोक अभियोजक संजू बापना ने बताया कि डूंगा का खेड़ा निवासी राजेश पुरी ने बनेड़ा पुलिस को जिला अस्पताल में 12 सितंबर 2014 को लिखित रिपोर्ट पेश की कि उसके पिता लादूपुरी सुबह सात बजे घर से शौच करने जाने के लिए निकले। गांव के बाहर सोहनलाल गुर्जर के मकान के सामने नहर के पास पहुंचे थे कि पहले से वहां छिप रहे डूंगा का खेड़ा उर्फ चाडा का खेड़ा निवासी रामेश्वर पुत्र बन्नालाल गुर्जर ने धारिये से लादू पुरी पर हमला कर दिया, जिससे उनके दोनों हाथ, बाजू के उपर व दोनों पैरों पर गंभीर चोट आई। वे, लहूलुहान होकर गिर पड़े। इसकी सूचना काली गोस्वामी ने दी। इस पर परिजन मौके पर पहुंचे और एंबुलेंस बुलाकर लादूपुरी को जिला अस्पताल ले गये, जहां उन्हें भर्ती कर उपचार किया गया। पुलिस ने मारपीट व जानलेवा हमले के आरोप में केस दर्ज कर तफ्तीश करते हुये आरोपित रामेश्वर को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी। न्यायालय में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक बापना ने 16 गवाहों के बयान दर्ज करवाते हुये 27 दस्तावेज पेश कर रामेश्वर पर लगे आरोप सिद्ध करवाये। ट्रायल के बाद न्यायालय ने मंगलवार को आरोपित रामेश्वर को दस साल की कठोर कैद और 47 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।

ये थी हमले की वजह

हमले के आरोपित रामेश्वर ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि अकाल पडऩे से वह 10 साल महाराष्ट्र में ट्रैक्टर कंप्रेशर चलाता रहा। इसके बाद यह ट्रैक्टर कंप्रेशर उसने भाई को दे दिया और खूद पवन पुरी के ट्रैक्टर पर उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर चला गया। जहां उस पर एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत केस दर्ज हो गया। वह करीब 2 साल जेल में रहा। जेल से रिहा होने के बाद वह गांव लौट आया और उसने पवन पुरी से केस पेटे व मजदूरी के चार लाख रुपये मांगे। छह माह बाद पवन पुरी ने 3 लाख 34 हजार रुपये उसे दे दिये। 66 हजार रुपये उसमें अब भी बकाया थे। जब भी वह पवन से पैसे मांगता लादू पुरी उसकी पैरवी करता था। पवन व आरोपित रामेश्वर के बीच झगड़ा होता रहता। इस दौरान लादू पुरी ने उसके खिलाफ गवाही दी थी। आरोपित ने कबूल किया कि लादू पुरी से दु:खी होकर उसने हमला किया था।

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