मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा - अखिल भारतीय मेवाड़ा गाडरी युवा महासभा के युवा संभाग अध्यक्ष भैरूलाल ’’खायड़ा’’ के नेतृत्व मंे कार्यकर्ताओं द्वारा गाडरी समाज को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही परेशानी को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
युवा संभाग अध्यक्ष भैरूलाल गाडरी ने बताया कि गाडरी समाज भीलवाड़ा मे गाडरी समाज के लोगों क़ो जाति प्रमाण पत्र बनवाने आ रही समस्या की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करते हुए बताना चाहता हूं की भीलवाड़ा में गाडरी समाज के बच्चों के जाती प्रमाण पत्र बनवाते समय अधिकारी कर्मचारी गाडरी जाति के बच्चों क़ो जाति प्रमाण पत्र के फार्म पर पटवारी द्वारा गड़रिया गाडरी की रिपोर्ट करवाने के लिए कहते है, जबकि राजस्व रिकॉर्ड मे केवल गाडरी जाती ही अंकित है तो पटवारी भी मना करते है जबकि गाडरी समाज क़ो एमबीसी की जाति क्रमांक 5 पर गड़रिया (गाडरी) गायरी स्पष्ट रूप से अंकित है।
राजस्थान सरकार द्वारा गाडरी समाज क़ो एमबीसी मे गजट नोटिफिकेशन संख्या 83573 दिनांक 28-11-2012 द्वारा आरक्षण दिया गया है, परन्तु बाद मे 2013 मे ओबीसी लिस्ट मे पूर्बीया, धनगर के साथ (गाडरी) जाती क़ो भी उनके साथ जोड़ दिया गया है जो यह इशारा करता है कि पूर्बीया धनगर सरनेम गाडरी जाति के है, गाडरी मूल जाती है, क्यूंकि पूर्बीया सरनेम अन्य सामान्य जाती के लोगो द्वारा भी प्रयोग किया जाता है। इस कारण इसके साथ मूल जाती (गाडरी) क़ो जोड़ा गया है, परन्तु कर्मचारी अधिकारी मूल जाती गाडरी होते हुए भी समाज के लोगों को गाडरी लिखने पर प्रमाण पत्र मे पूर्बीया, धनगर, (गाडरी) का प्रमाण पत्र बनाकर देते है क्यूंकि पूर्बीया धनगर क़ो बाद मे ओबीसी लिस्ट मे जोड़ा जाने से समाज के लोगो को एमबीसी मे होते हुए भी कर्मचारी द्वारा पटवारी से जाति रिपोर्ट मे गड़रिया गाडरी की रिपोर्ट करवाने हेतु कहकर आवेदन लोटा देते है क्यूंकि गाडरी मूल जाती है और गड़रिया, गायरी भाषा व क्षेत्र के हिसाब से बोला जाता है। एमबीसी की सूची क्रमांक 5 पर गाडरी अंकित होने के बावजूद भी समाज के लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।
कर्मचारियों क़ो निर्देशित करवावें की जिसकी भी जाती गाडरी हो उसको गड़रिया, (गाडरी) गायरी के नाम से ही जाति प्रमाण पत्र प्रदान करावे जिससे लोगो क़ो राजस्थान सरकार द्वारा समाज क़ो दिया गया एमबीसी आरक्षण का लाभ मिल सके साथ ही ओबीसी की लिस्ट पर दो जगह गाडरी शब्द लिखा है, उसको एक जगह गड़रिया, गाडरी, गायरी के साथ रखा जाये ताकि आगे कोई परेशानी ना आये, इसके लिए समाज कल्याण विभाग जयपुर को ओबीसी व एमबीसी की सूची में संशोधन के लिए निर्देशित करें कि गडरिया (गाडरी) गायरी से ( ) कोष्ठक को हटवा कर इसके बजाय गडरिया, गाडरी, गायरी किये जाने की मांग की गई।
आज ज्ञापन के दौरान देवसेना अध्यक्ष किशनलाल, बद्रीलाल हरणी, जिला प्रभारी रामप्रसाद गोकुलपुरा, शंकरलाल सुवालाल धुमडास, श्यामलाल दिनेश आटुण, राजुलाल ईरास, गाडरी समाज प्रदेश सचिव उदयलाल मेवाड़, गाडरी सेवा के अध्यक्ष मुकेश लोहारिया, कैलाश, भंवर रूपाहेली, कन्हैया लाल हलेड, भैरूलाल, भोजालाल अगरपुरा, शंकर, महावीर छापरी, राजुलाल पातलियास, गोपाल हमीरगढ़, शंकरलाल बनेड़ा, दोलालाल मालोला, गोपाल कालुराम कोदुकोटा, सुवाणा ब्लॉक अध्यक्ष रामचंद्र लाल, प्रकाश गाडरी, भैरूलाल गाडरी आकोला, जिला मीडिया प्रभारी गोपाल, जमनालाल, सांवर लाल, कैलाश गाडरी, सोहनलाल, गोपाल बड़ामहुआ बड़ी संख्या में समाज के युवा कार्यकर्ता गाडरी समाज को न्याय दो के नारे लगा रहे थे।